नयी दिल्ली : श्रम मंत्रालय इपीएफओ के पांच करोड़ से अधिक अंशधारकों को सस्ते आवास की पेशकश करने के लिए एक बड़े आवास योजना पर काम कर रहा है.मंत्रालय का इरादा सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर मकानों का निर्माण करने के लिए सरकारी बैंकों, आवास वित्त कंपनियों, सरकारी निर्माण कंपनियों जैसे एनबीसीसी और नगर विकास प्राधिकरणों जैसे डीडीए, पीयूडीए, हुडा आदि के साथ करार करने का है.
मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, इसमें उनको वरीयता दी जायेगी, जो कम आय वर्ग में आते हैं. वर्तमान में 70 प्रतिशत से अधिक अंशधारकों का मूल वेतन 15,000 रुपये से कम है. हाल ही में पीएमओ ने एक नोट जारी कर इपीएफओ को अपने अंशधारकों के लिए सस्ते मकानों को प्रोत्साहन देने के लिए अपना धन इस्तेमाल करने को कहा था.
इसके मुताबिक, इपीएफओ कोष का 15 प्रतिशत सस्ते मकानों के लिए कर्ज के तौर पर पेश करने से 70,000 करोड़ के कर्ज प्रवाह का सृजन होगा व 3.5 लाख अतिरिक्त सस्ते मकानों का निर्माण किया जा सकेगा.