MODI ने मंत्रियों से कहा, बजट के लिये लीक से हटकर सुझाव पेश करें
नयी दिल्ली : आम बजट की तैयारियों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मंत्रियों से कहा है कि वे आम लोगों से मिलकर नये विचार सामने लायें जिन्हें अगले बजट में शामिल किया जा सके. मोदी ने आज दोपहर बाद चाय पर बुलाई बैठक में अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ विचार विमर्श किया. […]
नयी दिल्ली : आम बजट की तैयारियों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मंत्रियों से कहा है कि वे आम लोगों से मिलकर नये विचार सामने लायें जिन्हें अगले बजट में शामिल किया जा सके. मोदी ने आज दोपहर बाद चाय पर बुलाई बैठक में अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ विचार विमर्श किया.
उन्होंने मंत्रियों से उनके मंत्रालयों को आवंटित कोष को वर्ष के आखिरी महीनों में खर्च करने की प्रवृति को छोडकर इस धन को पूरे साल में बराबर खर्च करने को कहा. आगामी आम बजट के लिये की जा रही तैयारियों को देखते हुये प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रियों से कहा कि वह आम आदमी से लीक से कुछ नये विचारों को सामने लायें.
इसके लिये वह विभिन्न मंत्रालयों के वेब पोर्टल सहित विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों को इस्तेमाल करें ताकि उन विचारों को उनके मंत्रालय के आवंटन में शामिल किया जा सके. अपने आवास पर कैबिनेट और राज्य मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने विभिन्न मंत्रालयों द्वारा तैयार की जा रही ई-पुस्तक के बारे में जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रानिक माध्यमों का उपयोग कर राजकाज में पारदर्शिता लायी जानी चाहिए. बैठक के बाद संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव प्रताप रुडी ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रियों से सात पूर्वोत्तर राज्यों और सिक्किम को भी अपने कार्यक्रमों में शामिल करने और इन राज्यों में उपयुक्त समय बिताने को कहा है.
प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने ई-पुस्तक और वेब पोर्टल के बारे में प्रस्तुती दी जिस पर विभिन्न मंत्रालय पहले ही काम शुरू कर चुके हैं. मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि लोगों से ज्यादा-से-ज्यादा विचार लिये जाने चाहिए और कहा कि ‘स्वच्छ भारत’ का नारा आम लोगों के साथ संवाद से ही निकला है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि मंत्रालयों को इस रूप से काम करना चाहिए कि बजट में आबंटित धन को आखिरी महीने में खर्च करने के बजाए उसका उपयोग पूरे वर्ष के दौरान हो. मोदी ने कहा कि आबंटित राशि का उपयोग समान रुप से हो ताकि यह सुनिश्चित हो कि मंत्रालयों को अगले वित्त वर्ष में उनकी इच्छानुसार बजटीय आबंटन मिले.
इस साल मंत्री परिषद के साथ मोदी की पहली बैठक है. पिछले साल मई में कार्यभार संभालने के बाद वह नियमित रूप से अपने मंत्री परिषद सहयोगियों के साथ इस प्रकार की बैठकें करते रहे हैं.