भारत संक्रमण काल से गुजर रहा – काटजू

वाराणसी : भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष जस्टिस मारकण्डेय काटजू ने कहा है कि वर्तमान में भारत संक्रमण काल से गुजर रहा है. करीब दो दशक तक यह स्थिति रहेगी. ऐसे में पत्रकार देश का मार्ग-दर्शन करें और वैज्ञानिक विचारों का प्रचार करते हुए सामंती विचारों पर प्रहार करें. काटजू आज काशी पत्रकार संघ की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2013 10:27 PM

वाराणसी : भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष जस्टिस मारकण्डेय काटजू ने कहा है कि वर्तमान में भारत संक्रमण काल से गुजर रहा है. करीब दो दशक तक यह स्थिति रहेगी. ऐसे में पत्रकार देश का मार्ग-दर्शन करें और वैज्ञानिक विचारों का प्रचार करते हुए सामंती विचारों पर प्रहार करें. काटजू आज काशी पत्रकार संघ की ओर से आयोजित प्रेस से मिलिये कार्यक्रम में बोल रहे थे.

उन्होने विदेशों में हुई औद्योगिक क्रांतियों के इतिहास की याद दिलाते हुए कहा कि एक समाज खत्म होकर दूसरा समाज बनने के बीच उथल-पुथल होता है. उसी क्रम में बदलाव के दौर में चल रहे भारत का वक्त बेहद नाजुक होने वाला है. उस स्थिति को कम करने में विचारों के अत्यंत महत्व से पत्रकारों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है.

उन्होने कहा कि औद्योगिक समाज बनने पर देश का भविष्य सुधरेगा. उन्होंने धर्मनिरपेक्षता की पुरजोर वकालत करते हुए कहा कि यह देश सिर्फ हिन्दुओं का नहीं है बल्कि धर्मनिरपेक्षता ही भारत को चला सकती है. शासन या सरकार का कोई धर्म नहीं होता. वहीं, पाकिस्तान ने स्वयं को इस्लामिक देश घोषित कर अपनी दुर्गति करा डाली है.

भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष काटजू ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि बम धमाकों के बाद आने वाली खबरें बढ़ा चढ़ाकर दिखाने और किसी ई-मेल के आधार पर वर्ग विशेष को जिम्मेदार ठहराना गलत है. हर कौम में 99.9 फीसदी लोग अच्छे होते हैं.

किसी सम्प्रदाय को ही सवालों के घेरे में खड़ा करना सही नहीं. यहां तक कि पुलिस के बयान की भी पुष्टि होनी चाहिए. मीडिया पूरे समाज को साथ लेकर चले. भाषा, नस्ल आदि के नाम पर बंटवारे की कोशिश करने वालों का पर्दाफाश करें. खबरों में सम्प्रदायवाद और फूट डालो-राज करो की बू न हो.

संजय दत्त के लिए की गयी अपील के कारणों से जुड़े सवाल पर उन्होने कहा कि 20 वर्ष पुराने मामले में करीब डेढ़ साल जेल में गुजारकर बाहर आये संजय को कैरिअर संभालने के लिए बहुत खराब दौर से गुजरना पड़ा था. बीस साल में हर आदमी बदल जाता है. वैसे भी मैंने उन तमाम लोगों के लिए अपील की है, जो सेलिब्रिटी नहीं हैं.

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता के प्रति सबकी जबावदेही तय होनी चाहिए. इस दायित्व से मीडिया को मुक्त रखने पर मनमानी शुरु हो जाएगी. उन्होने कहा कि ‘पेड न्यूज’ इतना व्यापक हो गया है कि समझ में नहीं आता, उस पर रोक कैसे लगायी जाय.

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