जानिए कितना खतरनाक है सुनंदा पुष्कर की मौत से चर्चा में आया पोलोनियम 210 जहर?
नयी दिल्ली : अपने ग्लैमर, अपनी शर्तो पर जिंदगी जीने व साफगोई के लिए जानी जाने वाली सुनंदा पुष्कर की मौत ने एक जहर को चर्चा में ला दिया है. सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में दिल्ली पुलिस की शक की सूई एक दुर्लभ जहर पर जाकर टिक गयी है. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में […]
नयी दिल्ली : अपने ग्लैमर, अपनी शर्तो पर जिंदगी जीने व साफगोई के लिए जानी जाने वाली सुनंदा पुष्कर की मौत ने एक जहर को चर्चा में ला दिया है. सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में दिल्ली पुलिस की शक की सूई एक दुर्लभ जहर पर जाकर टिक गयी है. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर के प्रकार का साफ तौर पर उल्लेख नहीं किया गया है. लेकिन संदेह है कि वह जहर रेडियोधर्मी पदार्थ पोलोनियम 210 हो सकता है.
सुनंदा पुष्कर को दी गयी जहर की जांच भारतीय प्रयोगशालाओं में संभव नहीं है. ऐसे में उसे जांच के लिए दिल्ली पुलिस बाहर भेज रही है. बहरहाल, इस पूरे मामले में चर्चा में आये पोलोनियम 210 के बारे में हम और अधिक जानते हैं. पूर्व में फलस्तीनी नेता यासर आराफात और रूसी खुफिया एजेंसी केजीबी के पूर्व एजेंट अलेक्जेंडर लिटिविनेंको की मौत के बाद भी पोलोनियम चर्चा में आया था. फलस्तीनी नेता यासर आराफात की मौत फ्रांस के एक सैन्य अस्पताल में हुई थी.
पोलोनियम 210 एक दुर्लभ रेडियोएक्टिव तत्व है. इसकी खोज 1898 में प्रख्यात वैज्ञानिक मैरी क्यूरी और उनके पति पियरे क्यूरी ने की थी. अपने देश पोलैंड के नाम पर ही उन्होंने इसका नाम पोलोनियम रखा. यूरेनियम की रासायनिक प्रक्रिया के दौरान यह उत्पन्न होता है. पर, इस जहर को परमाणु रिएक्टर में कृत्रिम रूप में भी बनाया जा सकता है. भोजन में, प्रदूषित वायु में या खुले घाव के माध्यम से इस जहर को शरीर के अंदर प्रवेश करवाया जा सकता है. अगर, यह जहर एक बार किसी आदमी के शरीर में प्रवेश कर जाये तो इसके घातक प्रभाव को रोकना संभव नहीं है. इसके अल्फा विकिरण कण शरीर के विभिन्न अंगों पर घातक असर डालते हैं और आवश्यक अंगों जैसे लिवर, किडनी आदि के फेल होने पर व्यक्ति की मौत हो जाती है. अगर यह जहर किसी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है, तो उसके लक्षण भी दिखते हैं. जैसे, बालों का गिरना, गले में सूजन व उल्टी आना. यह माना जाता है कि मैडम क्यूरी की बेटी आइरीन क्यूरी भी एक बार गलती से प्रयोगशाला में इसके संपर्क में आ गयी थीं, जिससे उन्हें ल्यूकीमिया हो गया और बाद में उनकी मौत हो गयी.