मुम्बई: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को आरएसएस के खिलाफ कथित टिप्पणी पर भिवंडी शहर में एक अदालत में दायर मानहानि के मामले में बम्बई उच्च न्यायालय ने व्यक्तिगत रुप से उस अदालत में उपस्थित होने से छूट प्रदान की दी.
उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति एम एन टहलियानी की ओर से राहुल को 17 फरवरी तक छूट प्रदान की गई. उच्च न्यायालय राहुल गांधी की ओर से दायर उस याचिका पर कल सुनवाई कर रही था जिसमें आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंटे द्वारा उनकी और अन्य के खिलाफ दायर मानहानि याचिका को रद्द करने की मांग की गई थी.
कुंटे ने भिवंडी की मजिस्ट्रेट अदालत में मानहानि का मामला दर्ज कराया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि राहुल ने पिछले वर्ष मार्च में एक चुनावी रैली के दौरान कहा था कि एक आरएसएस कार्यकर्ता ने महात्मा गांधी की हत्या की थी.
मजिस्ट्रेट एस वी स्वामी ने जुलाई 2013 में इस मामले में राहुल गांधी को उपस्थित होने के लिए समन जारी किया था. इसी अदालत ने अक्तूबर में राहुल को उपस्थित होने से छूट प्रदान की थी लेकिन सात जनवरी को उपस्थित होने को कहा था.
उच्च न्यायालय ने हालांकि मामले को निरस्त करने के बारे में अभी फैसला नहीं किया है लेकिन राहुल गांधी को भिवंडी अदालत में उपस्थित होने से 17 फरवरी तक छूट प्रदान की दी.