जारी है चीनी घुसपैठ, भारतीय चौकियों के करीब आयी चीनी सेना

नई दिल्ली : लद्दाख की दिप्सांग घाटी में 21 दिन तक रही टकराव की स्थिति के तीन महीने बाद पिछले हफ्ते चीनी सेना ने एक बार फिर उसी इलाके में भारतीय सीमा में घुसपैठ की और भारतीय चौकियों के दो किलोमीटर पास तक चली आई. यह हाल के दिनों में हुई पांच ऐसी घुसपैठों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2013 10:26 PM

नई दिल्ली : लद्दाख की दिप्सांग घाटी में 21 दिन तक रही टकराव की स्थिति के तीन महीने बाद पिछले हफ्ते चीनी सेना ने एक बार फिर उसी इलाके में भारतीय सीमा में घुसपैठ की और भारतीय चौकियों के दो किलोमीटर पास तक चली आई. यह हाल के दिनों में हुई पांच ऐसी घुसपैठों में से एक थी.

नवीनतम जानकारी के मुताबिक, चीनी सैनिकों की घुसपैठ जारी है और ताजा वारदात दो दिन पहले ही हुई है. इस बार यह घुसपैठ लद्दाख के चुमार सेक्टर में हुई है. सूत्रों ने बताया कि अप्रैल में जिस दौलत बेग ओल्डी सेक्टर की दिप्सांग घाटी में टकराव की स्थिति पैदा हुई थी, वहां 12 जुलाई को चीनी सेना बुत्र्से में भारतीय चौकियों से दो किलोमीटर पास तक आ गयी थी. यह जगह वास्तविक नियंत्रण रेखा से करीब 30 किलोमीटर दूर है.

उन्होंने बताया कि यह पिछले 11 दिनों में हुई पांच ऐसी घटनाओं में से एक थी. अन्य घुसपैठ चुमार सेक्टर में हुई जहां हालिया महीनों में चीनी सैनिकों ने कई दफा घुसपैठ की हैं.

चुमार सेक्टर में चीनी सैनिक 16-17 और 18 जुलाई को इलाके में घुस आए थे और उससे पहले 11 जुलाई को उनके हेलीकॉप्टर ने घुस कर भारतीय वायु सीमा का उल्लंघन किया था.

सूत्रों ने बताया कि 20 जुलाई की शाम चीनी सेना का एक गश्ती दल चुमार में घुस आया और कुछ घंटे वहां बिताने के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार अपनी जगह पर वापस अप्रैल के महीने में दिप्सांग के मैदानों में ही टकराव की स्थिति पैदा हुई थी जब चीनी सेना ने भारत के भीतर 19 किलोमीटर तक अपने खेमे गाड़ दिए थे. दोनों पक्ष जब इस बात पर सहमत हुए कि समूचे लद्दाख क्षेत्र में 15 अप्रैल से पहले की स्थिति बनाकर रखी जाए, इसके बाद ही भारत और चीन की सेना पीछे हटी.

16-17 जुलाई को हुई घुसपैठ के दौरान करीब 50 चीनी सैनिक घोड़ों और टट्टुओं पर सवार होकर चुमार सेक्टर में दाखिल हुए और भारतीय सीमा में रात बिताने के बाद वापस गए. सूत्रों ने बताया कि घुसपैठ की बढ़ती घटना के मद्देनजर लद्दाख में भारतीय थलसेना के अधिकारियों ने अपने चीनी समकक्षों से एक फ्लैग मीटिंग की मांग की है. अगले कुछ दिनों में फ्लैग मीटिंग होने की संभावना है.

सूत्रों ने बताया कि थलसेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने आज रक्षा मंत्री ए के एंटनी को वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया.

Next Article

Exit mobile version