प्रवासी भारतीयों से धन का नहीं, मन का रिश्ता है : राजनाथ सिंह
गांधीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो पर प्रसरित होने वाले बहुचर्चित कार्यक्रम मन की बात के बाद मोदी सरकार में नंबर दो माने जाने वाले केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मन का रिश्ता की बात कही है. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि सरकार न सिर्फ विश्वभर में रह रहे भारतीय […]
गांधीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो पर प्रसरित होने वाले बहुचर्चित कार्यक्रम मन की बात के बाद मोदी सरकार में नंबर दो माने जाने वाले केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मन का रिश्ता की बात कही है. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि सरकार न सिर्फ विश्वभर में रह रहे भारतीय मूल के लोगों के निवेश को देख रही है, बल्कि भारतवंशियों से गहरे संबंध भी बनाना चाहती है.
यहां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा, ‘‘कृपया यह न सोचें कि हम सिर्फ आपके निवेश को देख रहे हैं, यह ‘धन का रिश्ता’ नहीं है जो हम देख रहे हैं, ‘बल्कि मन का रिश्ता’ है.’’ उन्होंने कहा कि हमें भारतवंशियों के योगदान पर गर्व है और हम भारत की कहानी में इस समूह के योगदान को नहीं भूल सकते.
गृहमंत्री ने यह भी माना कि देश में यदि कुछ बुरा होता है तो भारतवंशियों और प्रवासी भारतीयों को भी दुख होता है, बेशक वे विश्व के किसी अलग हिस्से में रहते हों.
भारतवंशियों को ‘स्वदेशी’ करार देते हुए, चाहे वे किसी भी देश में रहते हों, राजनाथ ने कहा कि भारत द्वारा शुरू की गयी बदलाव की इस यात्र में देश को विभिन्न तरीकों से उनसे योगदान की आवश्यकता है.
प्रवासियों के महत्वपूर्ण सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा, ‘‘हम एक स्व-प्रतिष्ठित, स्व निर्भर और मजबूत भारत बनाना चाहते हैं तथा आपके योगदान के बिना लक्ष्य हासिल नहीं कर सकते.’’
राजनाथ ने कहा कि महात्मा गांधी के दृष्टिकोण की तरह ही मोदी सरकार देश के एकीकृत विकास के लिए काम कर रही है, जिसमें गांवों पर समान ध्यान दिया जा रहा है.
उन्होंने भारत वंशियों से ग्रामीण क्षेत्रों में नौकरियां पैदा करने में मदद करने की अपील की. सरकार की महत्वपूर्ण ‘मेक इन इंडिया’ पहल की तरफ ध्यान आकृष्ट करते हुए राजनाथ ने कहा कि भारत को विनिर्माण पॉवरहाउस में तब्दील करने का काम प्रवासियों और भारतवंशियों की सहायता के बिना नहीं हो सकता.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल कहा था कि भारतवंशी देश के लिए एक ‘‘बड़ी पूंजी’’ हैं, जिसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. भारत को बदलने के लिए भारतवंशियों से सहयोग की अपील करते हुए उन्होंने कहा था कि देश में अवसर उनका इंतजार कर रहे हैं.
मोदी ने प्रवासियों से कहा था कि पहले किस तरह प्रतिकूलता, साहस और आजीविका के लिए नए स्थानों की तलाश की ललक के चलते उनके पूर्वजों को देश छोड़ना पड़ा था, लेकिन अब ‘‘भारत नयी शक्ति के साथ उभरा’’ है जहां ‘‘बड़े अवसर’’ उनका इंतजार कर रहे हैं.