जम्मू कश्मीर में छठी बार लगा राज्यपाल शासन, अमित शाह ने कहा सरकार गठन की कवायद जारी
नयी दिल्ली : जम्मू कश्मीर में अबतक कोई सरकार नहीं बनने के कारण केंद्र ने राज्य में राज्यपाल शासन लगाने को मंजूरी दे दी है. गुरुवार की रात ही राज्यपाल एनएन वोहरा ने केंद्र सरकार के पास राज्य में राज्यपाल शासन लागू करने की सिफारिश की थी. राज्यपाल ने राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात से […]
नयी दिल्ली : जम्मू कश्मीर में अबतक कोई सरकार नहीं बनने के कारण केंद्र ने राज्य में राज्यपाल शासन लगाने को मंजूरी दे दी है. गुरुवार की रात ही राज्यपाल एनएन वोहरा ने केंद्र सरकार के पास राज्य में राज्यपाल शासन लागू करने की सिफारिश की थी. राज्यपाल ने राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात से भी केंद्रीय गृह मंत्रलय को अवगत कराया था.
मुख्यमंत्री उमरअब्दुल्ला के द्वारा प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में और जिम्मेवारी संभालने से मना कर देने के बाद राज्यपाल ने कल प्रदेश में राज्यपाल शासन लगाने की सिफारिश की थी. इस सिफारिश को के केंद्र ने स्वीकार कर लिया है.
यह स्थिति अल्पकालिक हो सकती है. यदि कोई पार्टी प्रदेश में सरकार बनाने की स्थिति में आ जाती है तो राज्यपाल शासन खत्म किया जा सकता है.उधर, विजयवाड़ा में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर में सरकार गठन के लिए राज्य के दोनों प्रमुख दलों पीडीपी और नेशनल कान्फ्रेंस से बात कर रही है.
आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि राज्यपाल की रिपोर्ट में कई सुझाव दियेगये थे, जिनमें एक किसी भी दल के सरकार गठन के लिए जरूरी संख्याबल नहीं जुटा पाने के आलोक में राज्यपाल शासन का विकल्प था. हाल के विधानसभा चुनाव में खंडित जनादेश आया है.
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कल रात यह रिपोर्ट जरूरी कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी थी. राज्य में राज्यपाल शासन जम्मू कश्मीर के संविधान के अनुच्छेद 92 के तहत लगाया गया है. यह अनुच्छेद राज्यपाल को राज्य में संवैधानिक मशीनरी के विफल होने की स्थिति में राज्यपाल शासन की घोषणा करने की इजाजत देता है.
समझा जाता है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राज्यपाल शासन के लिए अपनी सहमति दे दी है. राज्य में वर्ष 1977 के बाद छठी बार राज्यपाल शासन लगाया गया है.
क्या है जम्मू कश्मीर विधानसभा का गणित
जम्मू कश्मीर की 87 सदस्यीय विधानसभा में पिछले महीने हुए चुनाव में पीडीपी को सर्वाधिक 28 सीटें मिली हैं, जबकि 25 सीटों के साथ भाजपा दूसरे नंबर पर है. वहीं, नेशनल कान्फ्रेंस को 15 सीटें मिली हैं, कांग्रेस को 12 सीटें व छोटे दलों एवं निर्दिलयों को सात सीटें मिली हैं. पर, इनमें से कोई धड़ा अबतक सरकार बनाने के लिए आगे नहीं आ पाया है.
उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर के कार्यवाहक मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को राज्यपाल एनएन बोहरा के पास अपना पद छोड़ने की पेशकश की थी. उन्होंने राज्यपाल एनएन वोहरा से कहा था कि सीमा पर स्थिति और बाढ़ पीड़ितों की समस्या को देखते हुए राज्य को पूर्णकालिक प्रशासक की जरूरत है. इसके बार गुरुवार की रात में ही राज्यपाल ने केंद्र को इस संबंध में रिपोर्ट भेज दी.
संवैधानिक सीमाओं के कारण जम्मू कश्मीर में 19 जनवरी के पहले सरकार गठन होना आवश्यक था. लेकिन त्रिशंकु विधानसभा व राजनीतिक दलों के बीच सहमति नहीं बन पाने के कारण राज्य में राज्यपाल के पास केंद्र को राज्यपाल शासन के लिए सिफारिश करना मजबूरी हो गयी थी.