भारत,चीन ने शांति सुनिश्चित करने के तरीकों पर की चर्चा
नयी दिल्ली : भारत और चीन ने आज यहां एक बैठक के दौरान चीन की हालिया घुसपैठ की पृष्ठभूमि में सीमा पर शांति सुनिश्चित करने के तरीकों पर विचार विमर्श किया. लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के समीप देसपांग घाटी में अप्रैल के दौरान तीन सप्ताह तक चले ‘‘आमने-सामने’’ के गतिरोध के बाद पहली बार […]
नयी दिल्ली : भारत और चीन ने आज यहां एक बैठक के दौरान चीन की हालिया घुसपैठ की पृष्ठभूमि में सीमा पर शांति सुनिश्चित करने के तरीकों पर विचार विमर्श किया. लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के समीप देसपांग घाटी में अप्रैल के दौरान तीन सप्ताह तक चले ‘‘आमने-सामने’’ के गतिरोध के बाद पहली बार इस तरह की घुसपैठ हुई है. समझा जाता है कि भारत ने इस तरह की घुसपैठ और उनके प्रभावों का मुद्दा उठाया लेकिन इस बारे में आधिकारिक रुप से पुष्टि नहीं की गयी है. सूत्रों ने यहां बताया कि भारत चीन सीमा मामलों पर विचार विमर्श और समन्वय के लिए कार्यशील तंत्र के तहत हुई दो दिवसीय बैठक में नवंबर में हुई पिछली बैठक के बाद के सभी मुद्दों पर चर्चा की गयी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यहां कहा, ‘‘बैठक में सीमा पर शांति से जुड़े सभी मुद्दों पर गौर किया गया. बहरहाल, इस बैठक में उन मुद्दों पर गौर नहीं किया गया जिस पर दोनों पक्षों के विशेष सचिव गौर कर रहे हैं.’’ साथ ही बैठक में सीमा रक्षा सहयोग करार पर भी विचार नहीं किया गया, चूंकि इसके लिए अलग से तंत्र है.उन्होंने कहा कि बैठक में भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव गौतम बम्बावाले ने किया और इसमें रक्षा एवं गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे. बैठक में चीन के समग्र शिष्टमंडल में सीमा मुद्दे से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे. सूत्रों के अनुसार महत्वपूर्ण है कि समग्र चीनी शिष्टमंडल में सेना का कोई सदस्य नहीं था.