स्वामी प्रधानमंत्री से नेताजी से जुड़ी फाइल जारी करने का आग्रह करेंगे
कोलकाता: भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आज कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत से जुडी गोपनीय फाइलें सरकारी रिकार्ड से जारी करने के लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करेंगे. स्वामी ने दावा किया कि नेताजी की विमान हादसे में मौत नहीं हुई थी और केंद्र उनकी मौत से जुडी गोपनीय फाइलें […]
कोलकाता: भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आज कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत से जुडी गोपनीय फाइलें सरकारी रिकार्ड से जारी करने के लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करेंगे.
स्वामी ने दावा किया कि नेताजी की विमान हादसे में मौत नहीं हुई थी और केंद्र उनकी मौत से जुडी गोपनीय फाइलें भविष्य में किसी समय जारी करेगा.नेताजी से संबंधित फाइलें सार्वजनिक करने के बारे में पूछे जाने पर स्वामी ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘इसे भविष्य में किसी समय जारी किया जाएगा.’’उन्होंने कहा कि सरकारी रिकार्ड से फाइलें जारी करने के लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करेंगे.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने हाल ही में आरटीआई के एक जवाब में कहा था कि नेताजी से संबंधित 41 फाइलें हैं और इनमें से दो सार्वजनिक कर दी गई हैं. पीएमओ ने यद्यपि शेष फाइलों को सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया और कहा कि ‘‘इन्हें सार्वजनिक करने से अन्य देशों से संबंध प्रतिकूल रुप से प्रभावित होंगे.’’
उन्होंने दावा किया कि अमेरिका ने नेताजी मामले की जांच करने वाले मुखर्जी आयोग को लिखित में दिया था कि किसी विमान हादसे का कोई रिकॉर्ड नहीं है और ताइवान के किसी अस्पताल में जले हुए शव का भी कोई रिकॉर्ड नहीं है.
स्वामी ने दावा किया, ‘‘इसलिए यह कहानी (विमान हादसे में मौत) फर्जी कहानी है.’’ उन्होंने कहा कि अपने मित्र देशों जापान और जर्मनी की हार के बाद नेताजी ने अपनी मौत की बात गढी थी और चीन के मनचूरिया चले गए थे जो उस समय रुस के कब्जे में था.
अंग्रेजों ने नेताजी को तत्कालीन कलकत्ता में घर में नजरबंद कर दिया था. नेताजी देश को आजाद कराने के अपने प्रयासों में अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने के लिए 1941 में वहां से भाग गए और जापान की मदद से आजाद हिंद फौज बनायी. वह 1945 में गायब हो गए.मुखर्जी आयोग ने इस विचार को खारिज कर दिया था कि उनकी 18 अगस्त 1945 को ताइवान के ताईहोकू हवाई अड्डे पर हुई एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी.