ओबामा यात्राः आईटीबीपी का स्वान दस्ता करेगा वीआईपी स्थलों की जांच
नयी दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के गणतंत्र दिवस समारोह में आगमन को लेकर कार्यक्रम स्थलों की जांच करने के लिए आईटीबीपी के एक विशेष स्वान दस्ते को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली लाया गया है. अधिकारियों ने कहा कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के इस विशिष्ट स्वान दस्ते का इस्तेमाल ‘‘अति महत्वपूर्ण’’ कार्यों में किया जाता […]
नयी दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के गणतंत्र दिवस समारोह में आगमन को लेकर कार्यक्रम स्थलों की जांच करने के लिए आईटीबीपी के एक विशेष स्वान दस्ते को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली लाया गया है.
अधिकारियों ने कहा कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के इस विशिष्ट स्वान दस्ते का इस्तेमाल ‘‘अति महत्वपूर्ण’’ कार्यों में किया जाता है और इनमें शामिल 30 खोजी कुत्तों का इस्तेमाल जिन स्थानों की जांच करने में किया जाएगा उनमें राजपथ परेड मार्ग और आसपास के क्षेत्र, राष्ट्रपति भवन, पांच सितारा होटल और वे अन्य स्थल शामिल हैं जहां ओबामा अपनी भारत यात्र के दौरान गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रुप में जाएंगे.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आईटीबीपी का ‘के 9’ दस्ता दिल्ली पुलिस, एनएसजी, सीआईएसएफ और सीआरपीएफ जैसी अन्य एजेंसियों के खोजी कुत्तों के साथ अंदरुनी हिस्से की जांच का महत्वपूर्ण कार्य करेगा.अधिकारी ने कहा, ‘‘उन्होंने (खोजी कुत्ते) अपना काम पहले ही शुरु कर दिया है लेकिन गणतंत्र दिवस और अमेरिकी राष्ट्रपति की यात्रा से पहले कुछ दिन इस दस्ते के लिए परीक्षा का समय होगा.’’
आईटीबीपी के चंडीगढ स्थित स्वान प्रशिक्षण केंद्र को इस क्षेत्र में उत्कृष्ट केंद्र के रुप में नामांकित किया गया है. इस अर्धसैनिक बल को इस क्षेत्र में कुछ सबसे अग्रणी कार्यों के लिए जाना जाता है जिसमें नाटो बलों और अमेरिकी नेवी सील्स कमांडो की तर्ज पर पहला गश्ती स्वान नस्ल ‘मैलिनोएस’ लाना शामिल है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘इस स्वान दस्ते में लैब्राडोर और जर्मन शेफर्ड जैसे कुत्तों की नस्लें शामिल हैं जिनका इस्तेमाल गणतंत्र दिवस कार्यों में किया जाएगा. ये कुत्ते अन्य सुरक्षा एजेंसियों के खोजी कुत्तों के साथ समन्वय के साथ काम करेंगे.’’ आईटीबीपी स्वान दस्ते की विश्वसनीयता का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि इसे विशेष रुप से गत वर्ष नरेंद्र मोदी कैबिनेट के राष्ट्रपति भवन में होने वाले शपथग्रहण समारोह स्थल तथा उन होटलों की जांच करने के लिए बुलाया गया था जहां इस समारोह में हिस्सा लेने के लिए आये दक्षेस देशों के नेता रुके थे.