नयी दिल्ली : भाजपा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर ‘किताबी अर्थशास्त्री’ होने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि उनके शासन में देश का अर्थ प्रबंधन बद से बदतर होता जा रहा है और मांग की कि संसद के आगामी सत्र में इस बारे में वह श्वेत पत्र लाएं.मुख्य विपक्षी दल ने यह आरोप भी लगाया कि गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों की संख्या सरकार ने इसलिए घटा कर दिखायी है ताकि खाद्य सुरक्षा के लाभार्थियों की संख्या को वह कम कर सके, क्योंकि उसके पास इतना धन नहीं है कि वह सभी वास्तविक बीपीएल परिवारों को यह सुविधा दे सके.
पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने यहां कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह किताबी अर्थशास्त्र जानते हैं. जमीनी हकीकत का ज्ञान उन्हें नहीं है. अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री वित्त मंत्री संसद के मानसून सत्र में देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर श्वेत पत्र लेकर आएं.’’
उन्होंने कहा कि यह ‘‘खुला श्वेत पत्र’’ होना चाहिए जिसमें प्रधानमंत्री एक अर्थशास्त्री के रुप में रुपए के लगातार अवमूल्यन, रोजगार सृजन की स्थिति, बढ़ती मंहगाई, फंसा हुए कर्ज :एपीए: और गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों की संख्या आदि की वास्तविक स्थिति से देश को अवगत कराएं और साथ ही बताएं कि इस स्थिति से उबारने के लिए वह क्या करने जा रहे हैं.