मोदी को वीजा के सवाल पर सांसदों का विरोध सही नहीं:अन्ना

बदायूं : प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मोदी के अमेरिकी वीजा के मुद्दे पर सांसदों के विरोध को गलत बताया है. भ्रष्टाचार के विरोध और लोकपाल की नियुक्ति की मांग को लेकर अपनी जनतंत्र यात्रा पर आज यहां पहुंचे हजारे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मोदी के अमेरिका जाने का और वीजा का विरोध करना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2013 7:44 PM

बदायूं : प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मोदी के अमेरिकी वीजा के मुद्दे पर सांसदों के विरोध को गलत बताया है. भ्रष्टाचार के विरोध और लोकपाल की नियुक्ति की मांग को लेकर अपनी जनतंत्र यात्रा पर आज यहां पहुंचे हजारे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मोदी के अमेरिका जाने का और वीजा का विरोध करना सही नहीं है, क्योंकि भारत और अमेरिका दोनों ही गणतंत्र राष्ट्र है, जहां किसी को कहीं भी आने जाने की पूरी आजादी होती है.’’

यह पूछे जाने पर कि उनके पुराने साथी एक-एक कर उनका साथ क्यों छोड़ रहे है, अन्ना ने कहा, ‘‘हां यह सच है कि कुछ लोग हमसे दूर हुए हैं. लेकिन हमें भरपूर जन समर्थन प्राप्त है और अब तो पहले से भी ज्यादा लोग हमारे साथ जुड़ गये हैं.’’ कभी उनके सहयोगी रहे अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को चुनाव में समर्थन देने की संभावना के सवाल पर, उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय संविधान किसी अकेले व्यक्ति को ही चुनाव लड़ने की इजाजत देता है. किसी पक्ष अथवा पार्टी को नहीं..इसलिए एक अच्छा व्यक्ति होने के बावजूद मैं अरविन्द केजरीवाल और उनकी पार्टी का समर्थन नहीं कर सकता, क्योंकि मैं संविधान को मानने वाला व्यक्ति हूं.’’

हजारे ने कहा कि वह और उनके समर्थक लोकसभा चुनाव में किसी दल अथवा उसके उम्मीदवार को समर्थन देने की बजाय स्वच्छ और ईमानदार निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन करेंगे. इससे पूर्व एक जनसभा को संबोधित करते हुए हजारे ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह सरकार लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रही है और भ्रष्टाचार मुक्त देश का निर्माण के प्रति कोई ईमानदार नहीं है.

यह दोहराते हुए कि वह दिसंबर महीने में लोकपाल कानून बनाये जाने की मांग को लेकर फिर रामलीला मैदान पर अनशन करेंगे, हजारे ने युवकों से अपील की कि वे सत्य के रास्ते पर चलकर समाज में बदलाव लाने का व्रत ले और चुनाव में ईमानदार तथा चरित्रवान लोगों को ही विधानसभाओं और संसद में भेजे. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी लाइन पर चुनाव लड़ना और लड़वाना संविधान के विरुद्ध है. वे चुनाव आयोग को यह प्रक्रिया रोकने के लिए बाध्य करेंगे. इसके लिए आंदोलन करेंगे और जरुरी हुआ तो उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे.


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