सड़क दुर्घटना की शिकार महिला के बच्चों को 69 लाख का मुआवजा
नयी दिल्ली: मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने सड़क दुर्घटना का शिकार हुई 32 वर्षीय महिला के दो बच्चों को 69 लाख रुपये से ज्यादा का मुआवजा देने का निर्देश दिया है. न्यायाधिकरण के पीठासीन अधिकारी दीपक जगोत्र ने पीडिता के पति (याचिकाकर्ता) की इस मामले की सुनवाई के दौरान ही मृत्यु हो जाने के […]
नयी दिल्ली: मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने सड़क दुर्घटना का शिकार हुई 32 वर्षीय महिला के दो बच्चों को 69 लाख रुपये से ज्यादा का मुआवजा देने का निर्देश दिया है.
न्यायाधिकरण के पीठासीन अधिकारी दीपक जगोत्र ने पीडिता के पति (याचिकाकर्ता) की इस मामले की सुनवाई के दौरान ही मृत्यु हो जाने के तथ्य को देखते हुए नेशनल इन्श्योरेन्स कंपनी को उनके नाबालिग बेटे और बेटी को 69,28,728 रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया.
मुआवजा का आदेश देते हुए न्यायाधिकरण ने कार्यवाही के दौरान महिला के पति द्वारा दी गयी गवाही पर भरोसा जताया. उन्होंने कहा था कि वह स्कूटर से जा रहे थे और उनकी पत्नी पीछे बैठी हुयी थी उसी वक्त पीछे से आ रही हुंदई आई 20 कार ने टक्कर मार दी जिससे उसकी मौत हो गयी.
उन्होंने कहा कि यह साफ है कि कार ड्राइवर को यह आसानी से दिखा होगा कि आगे कौन चल रहा है. पीडिता के पति की गवाही पूरी तरह से भरोसा करने लायक है. उन्होंने कहा ‘चूंकि पीडिता के पति की भी मौत हो चुकी है उनकी हिस्सेदारी उनके बच्चों और उनकी मां में बांटी जाएगी.’
न्यायाधिकरण ने पीडिता के परिजन के पक्ष में फैसला देते समय एफआइआर, आरोपपत्र, यांत्रिक परीक्षण रिपोर्ट और पीडिता के पोस्टमार्टम रिपोर्ट सहित दस्तावेजों पर भी भरोसा किया.
न्यायाधिकरण ने लंबित कार्यवाही के दौरान फरवरी 2013 में पीडिता के परिवार को 50,000 रुपये का अंतरिम मुआवजा देने का आदेश दिया था.