मोदी की वाराणसी रैली की मनाही के फैसले पर कोई अफसोस नहीं : संपत

नयी दिल्ली : निवर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त वी एस संपत को लोकसभा चुनावों के दौरान सुर्खियों में रहे वाराणसी विधानसभा क्षेत्र में एक इलाके में नरेंद्र मोदी की रैली को अनुमति नहीं देने के जिला प्रशासन के फैसले के अनुसार चलने पर कोई अफसोस नहीं है. आज पद मुक्त होने वाले संपत ने कहा, चुनाव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2015 6:08 PM
नयी दिल्ली : निवर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त वी एस संपत को लोकसभा चुनावों के दौरान सुर्खियों में रहे वाराणसी विधानसभा क्षेत्र में एक इलाके में नरेंद्र मोदी की रैली को अनुमति नहीं देने के जिला प्रशासन के फैसले के अनुसार चलने पर कोई अफसोस नहीं है.
आज पद मुक्त होने वाले संपत ने कहा, चुनाव समान अवसर प्रदान करते हुए की जाने वाली कवायद है. व्यक्ति का कद कितना भी बड़ा हो लेकिन चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि लोगों के कद से प्रभावित हुए बिना हालात से निपटे. संपत वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में जिला प्रशासन द्वारा लिये गये फैसले में हस्तक्षेप नहीं करने के अपने मुश्किल क्षणों को लेकर पूछे गये सवाल का जवाब दे रहे थे. मई में हुए आम चुनावों के दौरान नरेंद्र मोदी को सांप्रदायिक तौर पर संवेदनशील एक क्षेत्र में जनसभा की इजाजत नहीं दी गयी थी.
उन्होंने कहा, जब आपका सामना ऐसी किसी बात से होता है, जिससे कानून के मुताबिक किसी तरीके से निपटना होता है, तो ऐसा करना पड़ता है. चुनाव आयोग ऐसे मुद्दों पर पुनर्विचार या दो बार नहीं सोच सकता. संपत ने कहा कि जनसभा के संबंध में जो कुछ किया गया वह कड़ाई से कानून के अनुसार था, उन लोगों के फैसले के अनुसार था जिन्हें अपना फैसला देने का हक है.
उन्होंने कहा, चुनाव आयोग लोगों की निर्णय लेने की क्षमताओं पर संदेह नहीं करेगा जब वीआइपी की सुरक्षा जैसे सभी संबंधित पहलुओं को संज्ञान में लिया गया हो. जब तक कि कुछ अपरिहार्य कारण नहीं हों. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें अपने किये पर कोई अफसोस है तो उन्होंने कहा, नहीं, कोई नहीं.

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