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सोनिया गांधी का विवादित किताब ”द रेड साड़ी” भारत में उपलब्‍ध

नयी दिल्‍ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की जिंदगी पर स्पेनिश लेखक जेवियर मोरो द्वारा लिखित विवादित पुस्‍तक ‘द रेड सारी’ (लाल साड़ी) अब भारत में भी उपलब्‍ध हो गया है. इस पुस्‍तक को भारत में प्रकाशित करने के बाद प्रकाशक रोली बुक्‍स ने ट्वीट किया कि ‘लाल साड़ी अब भारत में भी उपलब्‍ध है, […]

नयी दिल्‍ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की जिंदगी पर स्पेनिश लेखक जेवियर मोरो द्वारा लिखित विवादित पुस्‍तक ‘द रेड सारी’ (लाल साड़ी) अब भारत में भी उपलब्‍ध हो गया है. इस पुस्‍तक को भारत में प्रकाशित करने के बाद प्रकाशक रोली बुक्‍स ने ट्वीट किया कि ‘लाल साड़ी अब भारत में भी उपलब्‍ध है, अपनी प्रति बुक कराइये.’ इस पुस्‍तक में सोनिया गांधी की जीवनी को कथा के रूप में पेश किया गया है.

इस पुस्‍तक पर कांग्रेस की ओर से पहले ही काफी विरोध दर्ज कराये जा चुके हैं. पुस्‍तक में प्रकाशित सामग्री को विवादित और मानहानिकारक बताया जा रहा है. पुस्तक में सोनिया गांधी की जिंदगी से जुड़े अनछुए पहलुओं का जिक्र भी है, जिसपर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति दर्ज करायी है. पूर्व में किताब के लेखक को एक कानूनी नोटिस भेजकर कांग्रेस ने इस पुस्तक को भारत में प्रतिबंधित करने की मांग भी की थी.

लेखक, चिंतक और आलोचकों का मानना है कि इस पुस्तक के पीछे कुछ ऐसी ताकते हो सकती है जो राजनीति के शिखर पर पहुंची सोनिया गांधी की छवि को भारतवासियों की नजर में ख़राब करना चाहती हैँ. विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि स्वतंत्र अभिव्यक्ति का यह मतलब भी नहीं है कि कोई लेखक किसी व्यक्ति की जिंदगी के बारे में उसकी बिना सहमति के कुछ भी लिखे.

स्पेनिश लेखक जेवियर की यह किताब फ्रेंच, इटालियन और डच भाषा में अनुवाद के बाद 2008 से ही बिक रही है. भारत में बेचने के लिए इस पुस्तक का अंग्रेजी में अनुवाद किया जा रहा है.

क्‍यों है पुस्‍तक पर विवाद?

अखिल भारतीय कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी के बचपन से आज तक की जिंदगी के ऐसे अनछुए पहलुओं का भी इस पुस्तक में जिक्र किया गया है जो विवादित है. हालांकि लेखक का यह भी दावा है कि कांग्रेस अध्यक्ष की जिंदगी पर आधारित इस किताब की कहानी काल्पनिक है, लेकिन कांग्रेस लेखक की इस दलील को मानने को तैयार नहीं है.

भारत में पुस्‍तक के प्रकाशन को लेकर कांग्रेस की ओर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए पुस्‍तक के भारत में प्रकाशन पर रोक की मांग की गयी थी. इसपर लेखक ने अपने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि इस पुस्‍तक में कोई भी विवादित अंश नहीं है. जहां तक पुस्‍तक में सोनिया गांधी के अनछुई पहलुओं का सवाल है तो यह पुस्‍तक काल्‍पनिक है.

इसे किसी व्‍यक्ति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. उस समय लेखक ने यह भी कहा था कि पुस्‍तक का प्रकाशन अभी अंग्रेजी भाषा में हुआ ही नहीं है, फिर कांग्रेसी कैसे पुस्‍तक में विवाद का दावा कर सकते हैं. लेखक ने कहा कि इसका अर्थ हुआ कि कांग्रेसियों ने चोरी से प्रकाशन से पूर्व की पुस्‍तक की प्रति हासिल कर ली है. पुस्‍तक पर विवाद फैलाने वालों पर केश होना चाहिए.

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