धार्मिक विसर्जन के लिए यमुना में बनेगा विशेष घाट
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने यमुना नदी में मूर्तियों और अन्य धार्मिक सामग्री के विसर्जन के लिए विशेष घाट बनाए जाने का निर्देश दिया है. सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग तथा संबंधित प्रशासन को दिए निर्देश में न्यायाधिकरण ने कहा है कि यमुना नदी के तटों पर विशेष घाट बनाए जाएं जहां […]
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने यमुना नदी में मूर्तियों और अन्य धार्मिक सामग्री के विसर्जन के लिए विशेष घाट बनाए जाने का निर्देश दिया है. सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग तथा संबंधित प्रशासन को दिए निर्देश में न्यायाधिकरण ने कहा है कि यमुना नदी के तटों पर विशेष घाट बनाए जाएं जहां लोग मूर्तियों और अन्य धार्मिक सामग्री का विसर्जन कर सकें जिसका बाद में एक वैज्ञानिक तरीके से निपटान किया जाएगा.
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने हालिया फैसले में लोगों को यमुना नदी में पूजा सामग्री या खाद्यान्न , तेल आदि सामग्री डालने से प्रतिबंधित किया था.
एनजीटी ने कहा ‘हम संबंधित प्रशासन, विशेषकर सिंचाई विभाग और संबंधित निगमों या प्रशासन को यमुना तटों पर विशेष घाटों का निर्माण करने का निर्देश देते हैं जहां लोग इस प्रकार की सामग्री का विसर्जन कर सकें जिसे बाद में संबंधित प्रशासन द्वारा एकत्र कर वैज्ञानिक तरीके से तुरंत और उचित तरीके से निपटाया जाएगा.’
पीठ ने कहा ‘यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी जगह पर इस प्रकार की सामग्री को नदी की मुख्य धारा में प्रवाहित होने की अनुमति नहीं दी जाए. इस संदर्भ में वे इस प्रकार के तकनीकी कदम उठा सकते हैं जिनमें स्क्रीनिंग और अवरोधक लगाना शामिल है.’
पूरी यमुना पट्टी में तटों के किनारे कचरा पड़े होने के संबंध में एनजीटी ने संबंधित प्रशासन द्वारा इसे चार माह के भीतर उठाए जाने का आदेश दिया है. एनजीटी ने ‘यमुना जिये अभियान’ से जुडे मनोज कुमार मिश्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया.
याचिका में यमुना नदी में कचरे को डालने पर प्रतिबंध लगाने और नदी की सफाई सुनिश्चित करवाने की अपील की गयी थी.