कारगिल दिवस आज
नयी दिल्ली :आज से 14 साल पहले सन् 1999 में कारगिल में हुए युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को धूल चटा दिया था. कारगिल युद्ध को ऑपरेशन विजय कहा जाता था. इस युद्ध में भारत के 527 वीर जवान शहीद हुए थे. इस युद्ध में करीब 250,000 गोले, बम और रॉकेट दागे गए. […]
नयी दिल्ली :आज से 14 साल पहले सन् 1999 में कारगिल में हुए युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को धूल चटा दिया था. कारगिल युद्ध को ऑपरेशन विजय कहा जाता था. इस युद्ध में भारत के 527 वीर जवान शहीद हुए थे.
इस युद्ध में करीब 250,000 गोले, बम और रॉकेट दागे गए. हर रोज लगभग 50000 तोप के गोले, मोर्टर बम और रॉकेट 300 बंदूक, मोर्टर और एमबीआरएस द्वारा दागे गए थे. इतनी भारी मात्रा में बम, गोलों का इस्तेमाल दूसरे विश्व युद्ध के बाद का पहली बार इसी युद्ध में किया गया था.
मई 1999 में पाकिस्तानी सेना ने कारगिल समेत कुछ अन्य हिस्सों में भारतीय सेना की गैर मौजूदगी का फायदा उठाकर अपनी चौकियां स्थापित कर ली थीं. इसकी खबर सबसे पहले केप्टन सौरभ कालिया की गश्ती टीम ने भारतीय चौकी को दी थी. हालांकि इस दौरान उन्हें और उनके साथी जवानों को पाक सेना ने अगवा कर लिया और बड़ी ही बेरहमी से कत्ल कर दिया था.
13 मई, 1999 को ही द्रास क्षेत्र के टोलोलिंग पहाड़ी को पाक फौज से मुक्त कराने के बाद भारतीय सेना को पाक सेना के मंसूबे और उनकी मजबूती का अंदाजा हो गया था. इसके बाद ही इस युद्ध में ऊंचाई को देखते हुए बोफोर्स तोप के इस्तेमाल करने का निर्णय लिया गया.
5 जुलाई, 1999 को भारतीय सेना टाइगर हिल फतह करने में कामयाब हुई. 7 जुलाई को भारतीय सेना ने मशकोह हिल पर कब्जा कर तिरंगा फहराने में सफलता हासिल की. पाक सैनिकों की ऊंची पहाडिय़ों पर मौजूदगी की बदौलत सियाचिन-ग्लेशियर पर भारत की स्थिति कमजारे हो रही थी. वहीं लेह-लद्दाख को भारत से जोडने वाली सड़क पर भी पाक सैनिकों की निगाह थी. बावजूद इसके 26 जुलाई, 1999 को भारतीय फौज ने इस पूरे इलाके से पाक सैनिकों को खदेड़ने में सफलता हासिल की और ऑपरेशन विजय की सफलता का बिगुल बजाया.
इस युद्ध में भारतीय सेना के साथ भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 और जगुआर ने भी अहम भूमिका निभाई थी. वहीं भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के जहाजों को अपने खेमे में ही समेट कर रख दिया था. इन जांबांजों की वीरता को सलाम करने के मकसद से 26 जुलाई को हर वर्ष कारगिल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया.