नयी दिल्ली : दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के कुलपति दिनेश सिंह के लिए एक बार फिर मुश्किलें पैदा हो सकती हैं. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने माकपा नेता सीताराम येचुरी द्वारा लिखे गए उस पत्र को राष्ट्रपति के पास भेज दिया है जिसमें यूनिवर्सिटी के कामकाज में कुलपति द्वारा घोर अनियमितताएं बरतने के आरोप लगाए गए हैं.
चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) के मुद्दे पर हुए हंगामे के बाद से ही दिनेश सिंह लगातार विवादों में रहे हैं. मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने उन्हें पिछले साल एफवाईयूपी कार्यक्रम वापस लेने के निर्देश दिए थे क्योंकि उसे केंद्रीय विश्वविद्यालयों के विजिटर की हैसियत से राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिली थी.
अपने पत्र में येचुरी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ (डूटा) की ओर से जारी एक ‘श्वेत पत्र’ का भी जिक्र किया जिसमें घोर अनियमिततओं, शैक्षणिक स्तर में गिरावट और कुलपति द्वारा पद का गलत इस्तेमाल करने से प्रशासनिक नाकामी जैसे आरोप लगाए गए हैं. इस साल अक्तूबर में अपना कार्यकाल पूरा करने जा रहे कुलपति पर यह आरोप भी है कि उन्होंने ओबीसी छात्रों के लिए आवंटित 150 करोड़ रुपये की राशि को 62,600 लैपटॉप खरीदने में खर्च कर दिया.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि मंत्री ने पिछले साल दिसंबर में येचुरी के पत्र को अन्य दस्तावेजों के साथ राष्ट्रपति भवन भेज दिया है पर उनकी तरफ से अब तक कोई जवाब नहीं आया है. बहरहाल, सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रपति भवन दिल्ली यूनिवर्सिटी के घटनाक्रमों पर पैनी नजर रख रहा है और सिंह के खिलाफ आरोपों की पडताल कर रहा है.