नयी दिल्ली : माओवादियों से जुडे मुखौटा (फ्रंटल) संगठनों के प्रवक्ताओं और उनसे सहानुभूति रखने वालों के खिलाफ अब सुरक्षा एजेंसियां साक्ष्य जुटाएंगी और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा.गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि माओवादियों से सहानुभूति रखने वालों और उनसे जुडे मुखौटा संगठनों के प्रवक्ताओं के खिलाफ अब प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. उनके खिलाफ साक्ष्य जुटाये जाएंगे. सहानुभूति रखने वालों और प्रवक्ताओं की हर राज्य में फाइल तैयार होगी.सूत्रों के मुताबिक प्राथमिकी इसलिए दर्ज की जाएगी, ताकि मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर कोई हल्ला न हो.
नक्सल हिंसा से बुरी तरह प्रभावित 27 जिलों के पुलिस अधीक्षकों, पुलिस उप महानिरीक्षकों, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के कमांडेंट और विशेष बलों के प्रमुखों की आज संपन्न दो दिवसीय बैठक में इस बारे में तय किया गया.बैठक में नक्सल हिंसा से उत्पन्न स्थिति का विश्लेषण किया गया और पाया गया कि अधिकांश मामलों में मूलभूत पुलिस व्यवस्था की विफलता रही है. आम तौर पर पुलिस वालों को जो ड्यूटी करनी चाहिए थी, उन्होंने नहीं की. पुलिस व्यवस्था में खामियों के कारण नक्सल हिंसा की अधिकांश घटनाएं हुइ’. बैठक में मूलभूत पुलिस व्यवस्था को सुधारने के बारे में चर्चा की गयी. सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की जनरल ड्यूटी कंपनी को क्या करना है, यह परिभाषित नहीं है. बैठक में चर्चा की गयी कि सीआरपीएफ को क्या क्या करना चाहिए.