सरकार को एफडीआई पर श्वेत पत्र लाना चाहिए : एसजेएम

नयी दिल्ली: प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को सभी बीमारियों का रामबाण नहीं बताते हुए इसे आकर्षित करने की मोदी सरकार की योजना पर कडा एतराज जताने वाले आरएसएस संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने इस मुद्दे पर श्वेत पत्र लाने की मांग की है. मंच ने सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ मिशन और ई-कॉमर्स पर भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2015 4:35 PM

नयी दिल्ली: प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को सभी बीमारियों का रामबाण नहीं बताते हुए इसे आकर्षित करने की मोदी सरकार की योजना पर कडा एतराज जताने वाले आरएसएस संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने इस मुद्दे पर श्वेत पत्र लाने की मांग की है.

मंच ने सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ मिशन और ई-कॉमर्स पर भी चिंता जतायी और कहा है कि इससे देश हित को नुकसान पहुंचेगा. उसने कहा कि स्वदेशी उत्पादों को बढावा दिए जाने की जरुरत है.एसजेएम के राष्ट्रीय संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा, ‘‘स्वदेशी जागरण मंच की मांग है कि सरकार को एफडीआई पर श्वेत पत्र लाना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘एफडीआई सभी बीमारियों का रामबाण नहीं है. यह सभी समस्याओं का समाधान नहीं है. एफडीआई ने अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा और बुरा दोनों किया है.
एफडीआई से देश के भीतर रकम आने की बजाए बाहर ज्यादा गई है. 2013-14 में ही 21.5 अरब डॉलर भीतर आया वहीं 34.4 अरब डॉलर देश के बाहर गया.’’ महाजन ने कहा कि मंच सरकार के समक्ष अपनी मांग रखेगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ध्यान में भी लाएगा. उन्होंने कहा कि मंच सरकार के समक्ष जल्द ही ई-कॉमर्स और ‘मेक इन इंडिया’ पर अपनी चिंताओं को रखेगा.

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