नयी दिल्ली : टीम अन्ना की सदस्य रहीं किरण बेदी को भाजपा में अचानक शामिल किए जाने और दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार के तौर पर उनका नाम घोषित किए जाने की संभावना को लेकर पार्टी के भीतर असंतोष पनपता नजर आ रहा है. उत्तर-पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने इस मुद्दे पर आज कहा कि बेदी तो अभी कार्यकर्ता हैं और ‘सबसे बेहतर विकल्प’ यह होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रचार अभियान में पार्टी के चेहरे के तौर पर पेश किया जाए.
भाजपा सूत्रों ने बताया कि बेदी पार्टी में शामिल किए जाने के महज चार दिनों के बाद ही जिस तरह से खुद को मुख्यमंत्री पद की पसंद के तौर पर पेश कर रही हैं, उससे दिल्ली इकाई के कई नेता नाखुश हैं. तिवारी ने संवाददाताओं को बताया, वह पार्टी में शामिल हुई ही हैं. वह पार्टी के कार्यकर्ता की तरह हैं और उन्हें उसी तरह से लिया जाना चाहिए.
उन्होंने पहले कहा था कि उन्हें कोई ‘थानेदार’ नहीं चाहिए. हालांकि, बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका बयान बेदी के बारे में नहीं था. भाजपा की दिल्ली इकाई के एक अन्य वरिष्ठ नेता जगदीश मुखी ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार घोषित करने या चुनावों के बाद उस नाम की घोषणा करने पर फैसला पार्टी नेतृत्व द्वारा किया जाएगा.
इस मुद्दे पर मुखी ने कहा, भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व ही हमेशा फैसला करता है. कौन मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार होगा या इस पद के लिए पार्टी का कोई चेहरा होगा भी या नहीं, इस पर फैसला करना उनके अधिकार क्षेत्र में आता है.
सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर पार्टी नेतृत्व फैसला करेगा और बेदी अभी भाजपा की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार नहीं हैं. उन्होंने कहा, हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र के चुनावों में पार्टी की रणनीति रही है कि देश ने मोदी जी को पांच सालों के चुना है….और लोगों की आकांक्षाएं तभी पूरी होंगी जब केंद्र की सत्ता पर काबिज पार्टी राज्यों में भी शासन करेगी. ‘चलो चलें मोदी के साथ’ पार्टी के लिए बेहतरीन विकल्प होगा.
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली भाजपा के कई नेता बेदी के उस अंदाज से नाखुश हैं जिस तरह वह पार्टी में आने के चंद दिनों के भीतर ही खुद को भाजपा की मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर पेश कर रही हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी के कई सांसद पार्टी की चुनावी रणनीति पर चर्चा के लिए बेदी द्वारा कल उन्हें चाय पर बुलाए जाने को लेकर भी नाराज हैं.