मथुरा के कारागार में गैंगवार मामला: सिपाही सहित दो पकडे गए, तमंचा व कारतूस बरामद
मथुरा : दो दिन पहले मथुरा में दो विचाराधीन बंदियों की हत्या के मामले में पुलिस ने जेल में तैनात एक सिपाही सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से हथियार तथा जेल में हथियार पहुंचाने की एवज में मिली रकम भी बरामद कर ली है. पुलिस अब दोनों वारदातों को अंजाम […]
मथुरा : दो दिन पहले मथुरा में दो विचाराधीन बंदियों की हत्या के मामले में पुलिस ने जेल में तैनात एक सिपाही सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से हथियार तथा जेल में हथियार पहुंचाने की एवज में मिली रकम भी बरामद कर ली है. पुलिस अब दोनों वारदातों को अंजाम देने वाले ब्रजेश मावी गैंग के बाकी सदस्यों का पता लगाने में जुट गई है. यह जानकारी आईजी सुनील कुमार गुप्ता ने आज देर रात यहां दी.
उन्होंने शनिवार की शाम व मध्य रात्रि में हुई दोनों वारदातों का खुलासा करते हुए बताया कि इन घटनाओं के पीछे ब्रजेश मावी गैंग के मुख्य सदस्य गोपाल यादव पुत्र बीरी सिंह का हाथ है. उसी ने अपने एक अन्य साथी राकेश चौधरी के साथ मिलकर दोनों वारदातों को कराया है. आईजी ने बताया कि गोपाल यादव और प्रमोद चौधरी ब्रजेश मावी हत्याकांड के मुख्य गवाह थे, जिसमें राजेश शर्मा उर्फ टोंटा, लॉरेंस, मोना ठाकुर और संजू प्रधान आदि आरोपी हैं. इसलिए उन्हें डर था कि राजेश टोंटा उन्हें भी मरवा देगा. इसलिए गोपाल ने अपने एक अन्य साथी राकेश चौधरी के साथ मिलकर टोंटा को मरवा डालने की साजिश रची.
गोपाल ने राजेश टोंटा की हत्या की सुपारी जेल में बंद अपने तीन साथियों दीपक वर्मा, दीपक मीणा व अक्षय सोलंकी को दे दी. फिर उसने उनकी मांग पर एक लाख दस हजार रुपए, दो पिस्तौल व 16 कारतूस जेल में तैनात एक सिपाही कैलाश गुप्ता के माध्यम से उनके पास पहुंचवा दिए. गुप्ता ने बताया कि इसके बाद शनिवार को तीनों ने राजेश टोंटा को मारने का प्रयास किया किंतु गोलीबारी में राजेश व उसके साथियों ने उल्टे उनके साथी अक्षय सोलंकी को जेल में ही मार डाला.
गोपाल यादव ने पुलिस को बताया कि इसके बाद वे और भी ज्यादा डर गए. इसलिए उन्होंने उसे पहले अस्पताल में मारने का प्रयास किया लेकिन वहां खतरा देख उसे आगरा ले जाते समय राकेश चौधरी व तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर राजमार्ग पर द्वापर रिसोर्ट के समीप हमला कर उसकी हत्या कर दी. पुलिस ने उसके बयान के अनुसार सिपाही कैलाश गुप्ता को भी हिस्से की रकम के साथ दबोच लिया. गोपाल व कैलाश से पुलिस को एक-एक पिस्तौल व कारतूस भी बरामद हुए हैं. कैलाश गुप्ता ने भी अधिकारियों को बताया कि उसने ही दो पिस्तौल व सुपारी के 90,000 रुपये दीपक वर्मा के पास शुक्रवार को पहुंचाए थे.