नयी दिल्ली : किरण बेदी को भाजपा में शामिल किये जाने और दिल्ली की सीएम के तौर पर पेश किये जाने से दिल्ली इकाई के नेता नाखुश हैं. हालांकि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कॉफ्रेंस में कहा है कि किरणके नाम पर किसी को एतराज नहीं है लेकिन पार्टी में उठ रहे किरणविरोधी आवाज से यह साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.
हाल में ही भाजपा का दामन थामने वालों के प्रति पार्टी का रूख और पुराने नेताओं की अनदेखी कहीं पार्टी के लिए नुकसान दायक नहीं बन जाए.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने सोमवार को कहा कि बेदी अभी कार्यकर्ता हैं. ‘सबसे बेहतर विकल्प’ होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रचार अभियान में पार्टी के चेहरे के तौर पर पेश किया जाये. तिवारी ने पहले कहा था कि उन्हें कोई ‘थानेदार’ नहीं चाहिए. हालांकि, बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका बयान बेदी के बारे में नहीं था.
एक अन्य वरिष्ठ नेता जगदीश मुखी ने कहा कि सीएम पद का उम्मीदवार घोषित करने या चुनावों के बाद उस नाम की घोषणा करने पर फैसला पार्टी नेतृत्व करेगा. सीएम पद के प्रत्याशी पर पार्टी फैसला नेतृत्व करेगा. बेदी अभी भाजपा की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार नहीं हैं.
उन्होंने कहा, ‘हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र के चुनावों में पार्टी की रणनीति रही है कि देश ने मोदी जी को पांच साल के चुना है. लोगों की आकांक्षाएं तभी पूरी होंगी, जब केंद्र की सत्ता पर काबिज पार्टी राज्यों में भी शासन करेगी. ‘चलो चलें मोदी के साथ’ पार्टी के लिए बेहतरीन विकल्प होगा.’
वहीं मध्यप्रदेश के सागर में चल रहे आरएससए के कार्यक्रम में संघ प्रमुख भी किरणबेदी को दिल्ली में भाजपा के चेहरे के तौर पर पेश करने के पक्ष में नहीं दिख रहे थे. ऐसे में पार्टी का संघ के विपरीत कदम उठाना कहीं पार्टी के लिए घातक नहीं साबित हो.