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कसाई जैसी गैर-जरूरी पोस्टमार्टम प्रक्रिया पर रोक लगाने की उठ रही है मांग
नागपुर : महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ फॉरेंसिक विशेषज्ञ ने पुलिस अनुरोध पर रोजाना कसाई जैसे पोस्टमार्टम करने के तौर तरीके पर रोक लगाने की मांग की है. उनका कहना है कि पूरी तरह आवश्यक होने पर ही अंत्यपरीक्षण किया जाना चाहिए. महात्मा गांधी चिकित्सा विज्ञान संस्थान सेवाग्राम (वर्धा) के फॉरेंसिक चिकित्सा प्रभारी इंद्रजीत खांडेकर को […]
नागपुर : महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ फॉरेंसिक विशेषज्ञ ने पुलिस अनुरोध पर रोजाना कसाई जैसे पोस्टमार्टम करने के तौर तरीके पर रोक लगाने की मांग की है. उनका कहना है कि पूरी तरह आवश्यक होने पर ही अंत्यपरीक्षण किया जाना चाहिए.
महात्मा गांधी चिकित्सा विज्ञान संस्थान सेवाग्राम (वर्धा) के फॉरेंसिक चिकित्सा प्रभारी इंद्रजीत खांडेकर को लगता है कि मौत संबंधी जांच के लिए पुलिस के अनुरोध पर हर साल लाखों गैर जरूरी पोस्टमार्टम किये जाते हैं. जिससे मुर्दाघर बूचड़खाना में बदल जाता है.
इस संबंध में उन्होंने सरकारी स्तर पर पांच नीतिगत बदलाव का सुझाव दिया है. खांडेकर ने बताया कि अगर सरकार, पुलिस विभाग उनके बताये तरीके को अपनाए तो दर में 60-65 प्रतिशत कटौती हो सकती है.
इसके तहत विधि में हल्का बदलाव किया जाता है जैसा कुछ अन्य देशों में अपनाया जाता है. असरदार और एकीकृत क्रियान्वयन के लिए उन्होंने सीआरपीसी की धारा 174, मृत्यु चिकित्सा प्रमाणपत्र के प्रारूप और जांच-पड़ताल प्रारूप में बदलाव का भी सुझाव दिया है.
उन्होंने कहा ‘शुरुआती चरण में हम अस्पताल में भर्ती सभी चिकित्सा कानूनी मामले (एमएलसी) के पोस्टमार्टम को सीमित कर सकते हैं, जहां उपचार कर रहे डॉक्टरों को मौत का कारण पता होता है.’
फॉरेंसिक विशेषज्ञ ने अंत्यपरीक्षण संबंधी चिंताओं को लेकर प्रधानमंत्री और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री सहित केंद्र और राज्य के गृह तथा कानून मंत्रालय को एक ज्ञापन दिया था.
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