महेश की दिलचस्पी सदस्य बनने की नहीं थीः सीबीआई
नयी दिल्ली: सीबीआई के मुताबिक रेलवे बोर्ड में शीर्ष स्तर के पद पर नियुक्ति के लिए कथित रुप से रिश्वतखोरी मामले में मुख्य आरोपी महेश कुमार की सदस्य (स्टाफ) बनने में दिलचस्पी नहीं थी. इस मामले में रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के भांजे को भी गिरफ्तार किया गया है. बंसल के भांजे विजय सिंगला […]
नयी दिल्ली: सीबीआई के मुताबिक रेलवे बोर्ड में शीर्ष स्तर के पद पर नियुक्ति के लिए कथित रुप से रिश्वतखोरी मामले में मुख्य आरोपी महेश कुमार की सदस्य (स्टाफ) बनने में दिलचस्पी नहीं थी. इस मामले में रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के भांजे को भी गिरफ्तार किया गया है.
बंसल के भांजे विजय सिंगला समेत आठ लोगों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में सीबीआई ने कहा है कि कुमार ने रेलवे बोर्ड में सदस्य (विद्युत) के अधिक लाभप्रद पद पर अपनी नियुक्ति के लिए सह-आरोपी कारोबारी संदीप गोयल को 10 करोड़ रुपये की रिश्वत देने पर सहमति जताई थी.
सीबीआई ने कहा, ‘‘सूत्रों ने खुलासा किया है कि संदीप गोयल ने महेश कुमार और मंजूनाथ (सह-आरोपी) को जानकारी दी कि रेलवे बोर्ड के मौजूदा चेयरमैन विनय मित्तल जून, 2013 में सेवानिवृत्त होंगे और सदस्य (विद्युत) कुलभूषण को रेलवे बोर्ड का चेयरमैन बना दिया जाएगा. संदीप गोयल ने आश्वासन दिया कि कुलभूषण को रेलवे बोर्ड का चेयरमैन बनाये जाने के बाद वह रेल मंत्रलय में अपने संपर्कों के माध्यम से महेश कुमार को सदस्य (विद्युत) नियुक्त कराने में सफल होंगे.’’
एजेंसी ने प्राथमिकी में कहा, ‘‘संदीप गोयल ने इस उद्देश्य से 10 करोड़ रुपये के अवैध धन की मांग की जिसमें 5 करोड़ रुपये नियुक्ति से पहले नगद और शेष 5 करोड़ रुपये सदस्य (विद्युत) के तौर पर नियुक्ति के बाद दिये जाने की बात हुई. महेश कुमार ने गोयल की मांग पर रजामंदी जता दी. समझा जाता है कि वह (कुमार) रेलवे बोर्ड में सदस्य (स्टाफ) बनने में रुचि नहीं रखते थे, जो रिक्त पद था.’’