23 फरवरी से बजट सत्र, आठ अध्यादेशों को कानून बनाना है सबसे बड़ी चुनौती
नयी दिल्ली : संसद का बजट सत्र 23 फरवरी से शुरू होगा. 26 फरवरी को संसद में रेल बजट प्रस्तुत किया जायेगा, जबकि 27 फरवरी को आर्थिक सर्वे पेश होगा. वहीं, वित्तमंत्री अरुण जेटली 28 फरवरी को आम बजट पेश करेंगे. संसद के बजट सत्र का पहला चरण 20 मार्च तक चलेगा. जबकि दूसरा चरण […]
नयी दिल्ली : संसद का बजट सत्र 23 फरवरी से शुरू होगा. 26 फरवरी को संसद में रेल बजट प्रस्तुत किया जायेगा, जबकि 27 फरवरी को आर्थिक सर्वे पेश होगा. वहीं, वित्तमंत्री अरुण जेटली 28 फरवरी को आम बजट पेश करेंगे. संसद के बजट सत्र का पहला चरण 20 मार्च तक चलेगा. जबकि दूसरा चरण 20 अप्रैल से शुरू होकर आठ मई तक चलेगा.
संसद का शीतकालीन सत्र नरेंद्र मोदी सरकार के लिए कई मायनों में काफी अहम होने वाला है. यह पहला सत्र होगा जिसमें मोदी सरकार अपना पहला पूर्ण बजट वित्तीय वर्ष 2015-2016 के लिए प्रस्तुत करेगी. यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली के उस सोच को भी प्रकट करेगा, जिसके जरिये वे भारत के विकास को रफ्तार देने की कोशिश करेंगे.
इसके अलावा सरकार के लिए यह बजट सत्र अध्यादेशों को कानूनी शक्ल देने के मायने में भी महत्वपूर्ण होगा. सरकार ने शीतकालीन सत्र खत्म होने के बाद सरकार ने आठ अध्यादेश लाये. इन अध्यादेशों को कानूनी शक्ल देना भी सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी. इसके मद्देनजर कल ही संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने वरिष्ठ मंत्रियों राजनाथ सिंह, अरुण जेटली सहित अन्य के साथ के बैठक कर आगामी रणनीति पर विचार किया.
उल्लेखनीय है सोमवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सरकार को सलाह दी थी कि वह अध्यादेश के बजाय कानून बनाने पर सर्वसम्मति बनाये. उन्होंने विपक्ष के द्वारा सदन में शोर-शराब करने पर भी असंतोष प्रकट किया था. इस बजट सत्र में भूमि अधिग्रहण विधेयक, बीमा विधेयक, जीएसटी जैसे विधेयकों को पास करवाना मोदी सरकार की अहम चुनौती होगी.