जनजातीय कल्याण की बैठक में मोदी बोले , आदिवासी क्षेत्रों से खत्म हो उग्रवाद

नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासी क्षेत्रों में वामपंथी उग्रवाद को फैलने से रोकने के लिए मिलकर रणनीति तैयार करने पर जोर दिया. इस संबंध में नव गठित नीति आयोग को निर्देश दिया कि वह ऐसे क्षेत्रों की विकास योजनाएं बनाते समय अनुसंधान संस्थानों और प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की सेवाएं ले. जनजातीय कार्य मंत्रालय से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2015 4:27 AM

नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासी क्षेत्रों में वामपंथी उग्रवाद को फैलने से रोकने के लिए मिलकर रणनीति तैयार करने पर जोर दिया. इस संबंध में नव गठित नीति आयोग को निर्देश दिया कि वह ऐसे क्षेत्रों की विकास योजनाएं बनाते समय अनुसंधान संस्थानों और प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की सेवाएं ले.

जनजातीय कार्य मंत्रालय से कहा कि वह आदिवासी क्षेत्रों में विकास केंद्रों की पहचान करे और शिक्षा, स्वास्थ्य व खेल सुविधाओं का समुचित विकास सुनिश्चित करे.

बुधवार को जनजातीय कल्याण संबंधी एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए पीएम ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद को फैलने से रोकने के लिए रणनीति तैयार की जानी चाहिए. इस दिशा में जनजातीय कार्य मंत्रलय अहम भूमिका निभाये.

वामपंथी उग्रवाद को फैलने से रोकने के लक्ष्य को पाने के लिए केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों व विभागों को मिलकर काम करना चाहिए. बैठक में जनजातीय कार्य मंत्री जुअल ओराम और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.

मोदी के सुझाव

– जनजातीय क्षेत्रों में बिजली व मोबाइल फोन जैसे माध्यमों के जरिये ‘प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप’ के उद्देश्य के लिए काम हो.

– बेहतर बुनियादी ढांचे के जरिये विकसित क्षेत्रों को अविकसित जनजातीय क्षेत्रों से जोड़ना होगा.

– सिकेल सेल रक्त-अल्पता का वैज्ञानिक आधार पर अध्ययन हो और इलाज के लिए स्टेम सेल उपचार की संभावनाएं तलाशी जाएं.

– जनजातीय जनजीवन के सांस्कृतिक पहलुओं और उनके प्राचीन ज्ञान के भंडार को डिजिटल रूप में संग्रह किया जाये.

– जनजातीय सांस्कृतिक महोत्सव हो

– ई-वाणिज्य मंचों से जनजातीय समुदाय के उत्पादों के ऑनलाइन विपणन की संभावनाओं पर कार्य.

Next Article

Exit mobile version