देश में 10 सालों में 24 प्रतिशत बढ़ी मुसलिमों की आबादी

नयी दिल्ली : वर्ष 2001-2012 के बीच करायी गयी जनगणना के अनुसार, 10 सालों में मुसलिमों की जनसंख्या में 24 प्रतिशत इजाफा हुआ है. इन आकड़ों के मुताबिक, देश की कुल जनसंख्या में 14.2 प्रतिशत लोग मुसलिमों की है. जबकि 2001 में उनकी आबादी का प्रतिशत 13.4 था. यानी उनकी आबादी के प्रतिशत में 0.8 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2015 1:04 PM
नयी दिल्ली : वर्ष 2001-2012 के बीच करायी गयी जनगणना के अनुसार, 10 सालों में मुसलिमों की जनसंख्या में 24 प्रतिशत इजाफा हुआ है. इन आकड़ों के मुताबिक, देश की कुल जनसंख्या में 14.2 प्रतिशत लोग मुसलिमों की है. जबकि 2001 में उनकी आबादी का प्रतिशत 13.4 था. यानी उनकी आबादी के प्रतिशत में 0.8 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. यह खबर आज अंगरेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने प्रकाशित की है.
उल्लेखनीय है कि सरकार यह संकेत दे चुकी है कि धर्म आधारित जनसंख्या के आंकड़े जल्द ही सार्वजनिक किये जायेंगे. ये आंकड़े 2011 तक के हैं और डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाले यूपीए सरकार द्वारा इकट्ठा किये गये हैं, लेकिन उन्हें अबतक सार्वजनिक नहीं किया गया है.
वर्ष 1991-2001 में मुसलिमों की जनसंख्या का विकास दर 29 प्रतिशत था. मौजूदा दशक में मुसलिम की जनसंख्या की बढ़ोतरी में गिरावट आयी है. हालांकि ताजा आंकड़े देश की औसत वृद्धि दर 18 प्रतिशत से ज्यादा है. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, मुसलिमों की आबादी सबसे तेजी से बढ़ी. 2001 में राज्य की आबादी में मुसलमानों का हिस्सा 30.9 फीसदी था, लेकिन एक दशक बाद यह आंकड़ा बढ़ कर 34.2 फीसदी हो गया. मालूम हो कि असम लंबे समय से अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की समस्या का सामना करता रहा है.
पश्चिम बंगाल में भी मुसलिमों की जनसंख्या में वृद्धि की हुई है. 2001 में राज्य की कुल आबादी के 25.2 प्रतिशत तुलना में 2011 में यह 27 प्रतिशत पहुंच गया. इसके अलावा उत्तराखंड में भी मुसलमानों की आबादी में तेजी देखने को मिली. उत्तराखंड की कुल जनसंख्या में मुसलमानों की हिस्सेदारी 11.9 प्रतिशत से बढ़ कर 13.9 प्रतिशत हो गयी है.

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