‘मानवाधिकार का ज्यादा हनन तब होता है जब उसे राजनीतिक रंग दिया जाता है’, पीएम मोदी ने कही ये बात
NHRC Foundation Day : कुछ लोग मानव हनन के नाम पर राजनीति करते हैं. चुनिंदा व्यवहार लोकतंत्र के लिए नुकसान दायक होता है. मानवाधिकार का बहुत ज्यादा हनन तब होता है जब उसे राजनीतिक रंग से देखा जाता है.
एनएचआरसी (NHRC) के स्थापना दिवस के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत मानवाधिकारों के प्रति हमेशा प्रतिबद्ध रहा है. मूलभूत सुविधाओं को जन-जन तक पहुंचाना हमारा लक्ष्य है. मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति मिल गई है. महिलाओं के लिए काम के कई सेक्टर खुले हैं. उन्होंने कहा कि एक ऐसे समय में जब पूरी दुनिया विश्व युद्ध की हिंसा में झुलस रही थी, भारत ने पूरे विश्व को ‘अधिकार और अहिंसा’ का मार्ग दिखाने का काम किया.
आगे प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे बापू को देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व मानवाधिकारों और मानवीय मूल्यों के प्रतीक के रूप में देखता है. भारत के लिए मानवाधिकारों की प्रेरणा का, मानवाधिकार के मूल्यों का बहुत बड़ा स्रोत आज़ादी के लिए हमारा आंदोलन, हमारा इतिहास है. हमने सदियों तक अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने का काम किया. एक राष्ट्र के रूप में, एक समाज के रूप में अन्याय-अत्याचार का प्रतिरोध किया.
यहां चर्चा कर दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28वें एनएचआरसी स्थापना दिवस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं.
मानवाधिकार को राजनीतिक रंग से देखा जाता है
कुछ लोग मानव हनन के नाम पर राजनीति करते हैं. चुनिंदा व्यवहार लोकतंत्र के लिए नुकसान दायक होता है. मानवाधिकार का बहुत ज्यादा हनन तब होता है जब उसे राजनीतिक रंग से देखा जाता है, राजनीतिक चश्मे से देखा जाता है, राजनीतिक नफा-नुकसान के तराजू से तौला जाता है. इस तरह का सलेक्टिव व्यवहार, लोकतंत्र के लिए भी उतना ही नुकसानदायक होता है.
मुस्लिम महिलाओं को नया अधिकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दशकों से मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के खिलाफ क़ानून की मांग कर रही थीं. हमने ट्रिपल तलाक के खिलाफ क़ानून बनाकर, मुस्लिम महिलाओं को नया अधिकार दिया है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने क्या कहा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के 28वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ऐसे क्षेत्र पर उनका ध्यान गया जो मानव अधिकार की बात करने वाले सभी के ध्यान से बाहर था. उन्हें भी समानता का अधिकार है, आज़ादी तभी सही मायनों में मानी जाएगी जब ये 60 करोड़ गरीबों को बुनियादी सुविधा मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने 28 साल में 20 लाख से ज्यादा मामलों का निस्तारण किया है और 205 करोड़ से ज्यादा का मुआवजा जिनके साथ अन्याय हुआ था उन्हें दिलाने का काम किया है.
Posted By : Amitabh Kumar