”आप” संस्थापक ने माना किरण बेदी हैं भाजपा की मास्टरस्ट्रोक

नयी दिल्लीः आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में एक रहे शांति भूषण ने किरण बेदी को अरविंद केजरीवाल के मुकाबले ज्यादा मजबूत बताया है. चुनावी मैदान में किरण को उतारने के भाजपा के कदम को मास्टरस्ट्रोक बताते हुए कहा किरण एक ईमानदार छवि रखती हैं और भाजपा को इसका फायदा मिलेगा. इस बयान के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2015 4:17 PM

नयी दिल्लीः आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में एक रहे शांति भूषण ने किरण बेदी को अरविंद केजरीवाल के मुकाबले ज्यादा मजबूत बताया है. चुनावी मैदान में किरण को उतारने के भाजपा के कदम को मास्टरस्ट्रोक बताते हुए कहा किरण एक ईमानदार छवि रखती हैं और भाजपा को इसका फायदा मिलेगा.

इस बयान के बाद आप में खलबली मच गयी है. हालांकि पार्टी के शीर्ष नेताओं ने कहा कि हमारी पार्टी लोकतांत्रिक है और हर किसी को अपनी नीजि राय रखने का हक है. शांति भूषण के विचारों से पार्टी सहमत नही है. पार्टी प्रवक्ता आशुतोष ने कहा कि अगर किरण बेदी की सच्चाई उनके सामने रखी जायेगी तो वह अपने विचारों को बदल देंगे.

आप के संरक्षक और उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ वकील भूषण ने कहा कि अगर किरण बेदी मुख्यमंत्री बनते हैं तो उन्हें खुशी होगी लेकिन तब और खुशी होती जब वह आप में आतीं और इस पार्टी से वह मुख्यमंत्री बनती. अन्ना हजारे भी बेदी के मुख्यमंत्री बनने से बेहद खुश होंगे. मुझे लगता है कि पार्टी में उनको लाना तथा मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाया जाना एक मास्टरस्ट्रोक है, क्योंकि अन्ना आंदोलन में बेदी, अरविंद और प्रशांत भूषण के साथ थीं और भ्रष्टाचार खत्म करने के आंदोलन में उनका योगदान प्रभावशाली था.
शांति भूषण ने आप पर लग रहें आरोपों की भी चर्चा करते हुए कहा कि पार्टी पर जिस तरह का आरोप लगाता आ रहा है वह हैरान करने वाला है. पार्टी ने जिन दो नेताओं का टिकट काट दिया उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी ने दो करोड़ रूपये में टिकट बेचा है. अगर इन आरोपों में जरा भी सच्चाई है तो यह परेशान करने वाला है. आप के भीतर पुनसरचना बेहद जरूरी है. पार्टी का जोर राजनीतिक तंत्र सुधारने, राजनीतिक मानक को बेहतर बनाने पर होना चाहिए.
भूषण के इस खुले बयान और समर्थन का फायदा निश्चित तौर पर भाजपा को मिलेगा. हांलाकि पार्टी अब डैमेज कंट्रोल में लग गयी है. पार्टी ने साफ कर दिया है कि हर किसी को अपने विचार रखने का हक है. लेकिन हम उनके इस विचार का समर्थन नहीं कर सकते. भूषण ने ही भाजपा को भ्रष्ट पार्टी माना था और लोगों से अपील की थी कि जो पार्टी आरटीआई के तहत नहीं आती उसे वोट नहीं देना चाहिए.

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