चेन्नई : पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम के नारायणन ने आगाह किया कि आईएसआईएस के नये स्वरुप का कालखंड और अधिक भयावह हो सकता है तथा भारत इसके प्रमुख निशानों में से एक हो सकता है. नारायणन ने यहां प्रेस इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (पीआईआई) द्वारा विदेश नीति और मीडिया विषय पर आयोजित सेमिनार में कहा कि आईएसआईएस के नये स्वरुप का युग युवाओं को और आकर्षित करेगा.
उन्होंने कहा कि काल्पनिक राष्ट्र की सोच के साथ कट्टरपंथी इस्लामी चुनौती मौजूदा स्वरुप से और अधिक भयावह हो सकती है. नारायणन ने वो चुनौतियां भी गिनाईं जो वह आने वाले सालों में देश की विदेश नीति में होने का अनुमान लगाते हैं. पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल ने यह भी कहा कि पडोसी देशों के साथ विदेश नीति के मोर्चे पर देश चुनौतियों का सामना करेगा.