नयी दिल्ली : रेल यात्रा के दौरान दिल का दौरा पड़ने पर रेलवे की ओर से अब हर्जाना दिया जाएगा. ऐसा सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद रेलवे को करना पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाते हुए इस व्यवस्था पर मुहर लगाई है.
शीर्ष न्यायालय ने तमिलनाडु के दुरई सोमनाथन के परिजनों की याचिका की सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया जिसके तहत उनके परिजनों को रेलवे को चार लाख रुपये का हर्जाना देना होगा.
सर्वोच्च अदालत ने सरकार की उस दलील को दरकिनार कर दिया, जिसमें कहा गया था कि सोमनाथन को ट्रेन के साथ दौड़ते समय दौरा पड़ा था, न कि ट्रेन में मौजूद रहने पर. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की याचिका खारिज की है.
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए रेलवे को छह फीसद सालाना ब्याज के साथ हर्जाना चुकाने का आदेश दिया है.
गौरतलब है कि चार मार्च 2008 को सोमनाथन अपनी पत्नी और बेटी के साथ तमिलनाडु के डिंडीगुल से कुंभकोणम की यात्रा के लिए स्टेशन पहुंचे थे. लेकिन वह गलत ट्रेन में बैठ गए जिसके बाद वे स्वंय तो उतर गये लेकिन उनकी पत्नी और बेटी नहीं उतर सकीं. उसके बाद वे उन्हें उतारने के लिए ट्रेन के साथ दौड़ने लगे और अचानक उन्हें दिल का दौरा पड़ गया और वह प्लेटफॉर्म पर गिर गए.