नयी दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की कल से शुरू हो रही तीन दिवसीय यात्रा के दौरान असैन्य परमाणु करार, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और रक्षा क्षेत्र में संयुक्त उद्यम पर आगे बढना, उन प्रमुख मुद्दों में शामिल होंगे जिस पर भारत एवं अमेरिका ठोस नतीजे हासिल करना चाहेंगे. व्हाइट हाउस के एक बयान में बताया गया है कि 27 जनवरी को रियाद की यात्रा करने के बारे में आखिरी क्षणों में बनायी गयी योजना के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यक्रम में बदलाव करना पडा. हालांकि, पहले के कार्यक्रम के मुताबिक वह ताजमहल देखने जाने वाले थे.
उन्होंने ताजमहल की यात्रा करने में असमर्थ रहने को लेकर अफसोस जताया है. ओबामा अब अपने नये कार्यक्रम के मुताबिक सउदी अरब के नये शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज से मिलने रियाद जाएंगे. ओबामा की यात्रा के दौरान शानदार नतीजे हासिल करने के लिए भारत और अमेरिका कडी मेहनत कर रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति का बडा ही व्यस्त कार्यक्रम होगा जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वार्ता, गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शरीक होना, कारोबार जगत के नेताओं से मुलाकात और ‘भारत एवं अमेरिका : साथ मिलकर किए जा सकने वाले भविष्य का निर्माण’ पर एक भाषण देना शामिल है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति की यात्रा को हाल के बरसों में सबसे अहम कूटनीतिक घटनाक्रम करार देते हुए कहा है कि रक्षा, सुरक्षा, आतंकवाद निरोध में सहयोग और भारत के सुदूर पडोसी देशों में हालात, उन मुद्दों में शामिल होंगे जिन पर ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चर्चा करेंगे. परमाणु करार पर दोनों देशों के बीच मतभेद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पिछली वार्ताओं के दौरान प्रगति हुई थी और भारत ‘अत्यधिक अहम’ परमाणु क्षेत्र में अमेरिका के साथ प्रभावी रूप से आगे बढने के लिए आशावादी है.
गौरतलब है कि भारतीय उत्तरदायित्व कानून किसी तरह की परमाणु दुर्घटना होने की स्थिति में आपूर्तिकर्ता को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराता है जबकि फ्रांस और अमेरिका जैसे देशों ने भारत से वैश्विक नियमों का पालन करने को कहा है जिसके तहत प्राथमिक जिम्मेदारी ऑपरेटर की होती है. चूंकि देश में सभी परमाणु संयंत्र का संचालन सरकारी कंपनी ‘न्यूकलियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड’ (एनपीसीआईएल) करती है, पर अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करने का मतलब होगा कि दुर्घटना होने पर सरकार को क्षतिपूर्ति की अदायगी करनी होगी. उत्तरदायित्व कानून में एक अन्य विवादास्पद उपबंध असीमित जिम्मेदारी है जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को बीमाकर्ता पाने में मुश्किल होगी. सूत्रों के मुताबिक लंदन में भारत-अमेरिका संपर्क समूह की दो दिवसीय बैठक में प्रगति हुई लेकिन विलंब करने वाले कुछ मुद्दों का राजनीतिक स्तर पर हल करने की जरुरत हो सकती है.
25 जनवरी को दोपहर बाद आएगा मोदी-ओबामा का साझा बयान
तय कार्यक्रम के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यौते पर भारत की अपनी अति प्रत्याशित तीन दिवसीय यात्रा के लिए आज शाम एंड्रूज वायुसेना हवाई अड्डे से रवाना हो चुके हैं. व्हाइट हाउस ने बताया है कि ओबामा के साथ एक भारी भरकम प्रतिनिधिमंडल भी जा रहा है जिसमें कई शीर्ष अधिकारी एवं (अमेरिका की) प्रथम महिला मिशेल ओबामा भी शामिल हैं. ओबामा कल सुबह पूरे लाव-लश्कर के साथ दिल्ली पहुंचेगे.
अमेरिकी राष्ट्रपति की इस यात्रा के दौरान उनके साथ उनके मंत्रिमंडल के कई सदस्य, प्रभावशाली उद्योगपति, प्रतिनिधिसभा में विपक्ष की नेता नैंसी पेलोसी समेत कई सांसद होंगे. ओबामा को लेकर भारत के लिए उडान भरने वाला राष्ट्रपति का विमान ‘एयरफोर्स वन’ जर्मनी के रम्सटीन में ईंधन भरने के लिए कुछ देर के लिए उतरेगा. वह कल पालम वायुसेना हवाई अड्डे पर भारतीय समयानुसार सुबह दस बजे पहुंच जाएगा.
भारत पहुंचने पर ओबामा का करीब 12 बजे आलीशान राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भव्य स्वागत करेंगे. उसके बाद वह 12 बजकर 40 मिनट पर राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे और वहां पौधरोपण कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. व्हाइट हाउस के मुताबिक उसके बाद ओबामा हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भोजन करेंगे जिस दौरान सीमित लोग होंगे.
दोनों करीब पौने तीन बजे आपस में बातचीत करेंगे. दोनों नेता फिर प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत करेंगे जो करीब एक घंटे तक चलने की संभावना है. दोनों लगभग चार बजकर दस मिनट पर संयुक्त रूप से प्रेस को संबोधित करेंगे. शाम में सात बजकर 35 मिनट पर ओबामा का आईटीसी मौर्या होटल में दूतावास के कर्मियों एवं उनके परिवारों से भेंट मुलाकात का कार्यक्रम है. वह सात बजकर 50 मिनट पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ राजकीय भोज में शामिल होने राष्ट्रपति भवन जायेंगे.
छब्बीस जनवरी को ओबामा बतौर मुख्य अतिथि गणतंत्र दिवस समारोह में शिरकत करेंगे. उनके साथ उनकी पत्नी भी होंगी. बाद में ओबामा दंपति राष्ट्रपति भवन स्वागत कार्यक्रम में शामिल होंगे. दोपहर को ओबामा और मोदी उद्योगपतियों के साथ बैठक करेंगे तथा भारत अमेरिका व्यापारिक सम्मेलन में भाषण देंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति 27 जनवरी की सुबह को सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में भाषण देंगे. उसके बाद उनका वापसी का कार्यक्रम है.
अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु समझौते की उम्मीद : रॉयस
अमेरिका के एक शीर्ष रिपब्लिकन सांसद ने कहा है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा की यात्रा के बारे में जो तस्वीर दिखाई दे रही है, उसे उससे कहीं ज्यादा माना जाना चाहिए तथा यह एक ऐसा अवसर है जिसे गंवाया नहीं जाना चाहिए. सदन की विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष एड रॉयस ने कल कहा कि ओबामा की यात्रा का परिणाम व्यापार एवं वाणिज्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में ठोस प्रगति, रक्षा ढांचा समझौते को नया रूप देने और काफी समय से लंबित अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु समझौते पर प्रगति के रूप में निकलेगा.
रॉयस ने एक बयान में कहा, ‘राष्ट्रपति बराक ओबामा की दूसरी भारत यात्रा और भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में उनका मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होना हमारे दो देशों के बीच गहरी भागीदारी का एक बडा प्रतीक है. लेकिन इस यात्रा को दिखाई दे रही तस्वीर से अधिक माना जाना चाहिए. भारत के साथ अमेरिका का महत्वपूर्ण संबंध पिछले कई वर्षों से थमा हुआ सा रहा है. यह यात्रा एक ऐसे मौके की शुरुआत है जिसे गंवाया नहीं जाना चाहिए.’
उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वायदों के मद्देनजर प्रशासन को मजबूत व्यापार संबंधों को आगे बढाने के लिए गंभीर प्रयास करने की आवश्यकता है. रॉयस ने कहा, ‘द्विपक्षीय व्यापार को मजबूत बनाने में अमेरिका और भारत ने हाल के वर्षों में प्रगति की है, लेकिन हम इस संबंध की पूर्ण संभावना को महसूस करने के करीब नहीं आ पाए हैं.’
उन्होंने कहा, ‘यदि हमें द्विपक्षीय व्यापार में 500 अरब डॉलर के प्रशासन के लक्ष्य को पूरा करना है तो ओबामा को भारतीय बाजारों को खोलने में मदद के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता है.’ रॉयस ने कहा, ‘क्योंकि भारतीय अमेरिकी समुदाय हमारे सर्वाधिक नवोन्मेषी व्यवसाय क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं, नि:संदेह वे आगामी वर्षों में एक बडी भूमिका निभाएंगे. एच-1 बी वीजा के जरिए उच्च दक्षता आव्रजन के लिए व्यापक समर्थन एक महत्वपूर्ण मुद्दा है.’
उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति को लंबे समय से थमे पडे अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु करार को आगे ले जाने के लिए भी काम करना चाहिए, 2006 में कानून के पारित होने के समय से, थोडी बहुत प्रगति हो पाई है.’ रॉयस ने कहा, ‘असैन्य परमाणु करार का कार्यान्वयन उस लक्ष्य की दिशा में एक बडा कदम और अमेरिकी व्यवसाय के लिए जीत होगा.’ उन्होंने कहा कि रक्षा ढांचा समझौते के नवीनीकरण और खुफिया सहयोग में सुधार भी शीर्ष प्राथमिकता में होना चाहिए.
रॉयस ने कहा कि वर्ष 2005 में हस्ताक्षरित यह समझौता रक्षा सहयोग और खुफिया सूचना के आदान प्रदान को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, ‘कट्टरपंथ से भारत को महत्वपूर्ण खतरे के साथ, रक्षा समझौता ढांचे को नवीनीकृत करना शीर्ष प्राथमिकता होना चाहिए. हमें प्रत्येक देश की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के बीच उच्चस्तीय दौरे बढाने की भी आवश्यकता है. हमारा सहयोग मजबूत है, लेकिन एक व्यापक सहयोग की आवश्यकता है.’
ओबामा यात्रा से पूर्व दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक
भारत यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जिन छह स्थलों का दौरा करने वाले हैं वहां की जांच करने पर पता चला है कि वायु प्रदूषण का स्तर भारतीय सुरक्षा मानकों से तीन गुणा अधिक और डब्ल्यूएचओ सीमा से नौ गुणा अधिक है. अध्ययन कल एनजीओ ग्रीनपीस इंडिया द्वारा छह स्थलों पर किया गया जिसमें राजघाट और हैदराबाद हाउस भी शामिल हैं. इससे खुलासा हुआ है वायु की गुणवत्ता ‘अस्वास्थ्यकर और खतरनाक’ है.
एनजीओ की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘संगठन ने अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा के मार्ग पर चलते हुए प्रदूषण स्तरों का पता लगाने के लिए वायु निगरानी उपकरण पीडीआर 1500 का इस्तेमाल किया. एनजीओ की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘हम जानना चाहते थे कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा कितने प्रदूषण में सांस लेने की संभावना है. हमारे डेटा और आंकडे चौंकाने वाले हैं.
आर्द्र मौसम, वास्तविक समय और तत्काल जोखिम का स्तर खराब और अस्वास्थ्यकर पाया गया.’ उसने कहा, ‘ग्रीनपीस इंडिया मध्य दिल्ली में पीएम 2.5 स्तर की निगरानी की और पाया कि अधिकतम प्रदूषण स्तर भारतीय सुरक्षा सीमा का तीन गुणा, डब्ल्यूएचओ का नौ गुणा और बीजिंग में औसत स्तर का 2.5 गुणा अधिक है.’ अध्ययन में कहा गया है कि जनपथ पर पीएम 2.5 का अधिकतम स्तर 264 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर जबकि हैदराबाद हाउस पर यह 239 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था.
राजघाट पर यह 229 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था. राजघाट ने कहा कि दिल्ली के निवासी इस सर्दी के मौसम में बेहत खराब गुणवत्ता की हवा में सांस ले रहे हैं जिसमें पीएम 2.5 का औसत अधिकतम 320 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है जो भारतीय सुरक्षा सीमा से छह गुणा अधिक और डब्ल्यूएचओ की सीमा से 14 गुणा अधिक है.
ओबामा से भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों के मुद्दे को उठाने की मांग
एक भारतीय अमेरिकी मुस्लिम समूह ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से अपील की है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के दौरान भारत में अल्पसंख्यकों की हालत में कथित गिरावट का मुद्दा उठाएं. ‘इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल’ (आईएएमसी) ने ओबामा को लिखे पत्र में कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी और अन्य भारतीय अधिकारियों के साथ आपकी चर्चा के दौरान भारत में ईसाई, सिख, मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यकों की तेजी से खराब होती स्थिति के बारे में चिंता जताएं.
आपके भाषण में उनकी दुर्दशा का एक संदर्भ भारत की जमीनी हकीकतों के बारे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के संज्ञान को दूर तक उजागर करेगा.’ यह पत्र 22 जनवरी को लिखा गया और प्रेस को कल जारी किया गया. आईएएमसी ने कहा कि जब से नयी सरकार बनी है तब से अकेले उत्तर प्रदेश में धार्मिक हिंसा की 600 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं.
इसमें कहा गया है, ‘इसमें पिछले साल की तुलना में नाटकीय बढोतरी हुई है और यह धार्मिक अल्पसंख्यकों की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान पर कट्टरपंथी हिंदू राष्ट्रवादी समूहों के हमले को दर्शाता है.’ पत्र में ओबामा से यह भी गुजारिश की गई है कि वह भारत सरकार से ऐसी नीतियों का अनुसरण करने का आह्वान करें जो न्यायसंगत, भारत के धर्मनिरपेक्ष संविधान के अनुरुप और उसकी परंपरा में लंबे वक्त से रहे बहुवाद के मुताबिक हों.
See Prez Obama’s visit as strengthening ties across full breadth of relations between govts,peoples & institutionshttp://t.co/sKJ2hHrOum
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) January 22, 2015
Visit of Prez Obama culmination of qualitative re-invigoration of ties since September 2014
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) January 22, 2015
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