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जाते-जाते ओबामा दे गये नसीहत, ”धार्मिक आधार पर नहीं बंटना चाहिए देश”
नयी दिल्ली : धार्मिक सहिष्णुता की पुरजोर वकालत करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज कहा कि हर व्यक्ति को बिना किसी उत्पीडन के अपनी आस्था का पालन करने का अधिकार है और भारत तब तक सफल रहेगा जब तक वह धार्मिक आधार पर नहीं बंटेगा. दिल्ली के सीरीफोर्ट ऑडिटोरियम में ‘टाउनहॉल’ संबोधन में […]
नयी दिल्ली : धार्मिक सहिष्णुता की पुरजोर वकालत करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज कहा कि हर व्यक्ति को बिना किसी उत्पीडन के अपनी आस्था का पालन करने का अधिकार है और भारत तब तक सफल रहेगा जब तक वह धार्मिक आधार पर नहीं बंटेगा.
दिल्ली के सीरीफोर्ट ऑडिटोरियम में ‘टाउनहॉल’ संबोधन में ओबामा ने भारत और अमेरिका को सिर्फ स्वाभाविक साझेदार ही नहीं बल्कि सर्वश्रेष्ठ साझेदार बताते हुए कहा कि बर्मा से श्रीलंका तक भारत की बडी भूमिका है.
उन्होंने चीन का नाम लिये बिना एशिया प्रशांत में भारत की वृहद भूमिका का स्वागत किया और कहा कि नौवहन की स्वतंत्रता बनाई रखी जानी चाहिए तथा विवादों का समाधान शांतिपूर्ण ढंग से किया जाना चाहिए.
ओबामा ने अमेरिका में स्वामी विवेकानंद के ‘ब्रदर्स एंड सिस्टर्स आफ अमेरिका’ से शुरु किये गए ऐतिहासिक संबोधन का उल्लेख करते हुए कहा कि आज वह भी स्वामी विवेकानंद के अंदाज में ‘ब्रदर्स एंड सिस्टर्स आफ इंडिया’ कहते हुए भारत के लोगों से मुखातिब हो रहे हैं.
ओबामा ने कहा कि हर व्यक्ति को उत्पीडन, डर या भेदभाव के बिना अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि सांप्रदायिकता या अन्य किसी बात के आधार पर बांटने के प्रयासों के खिलाफ हमें सतर्क होना होगा. भारत तब तक सफल रहेगा जब तक वह धार्मिक आधार पर नहीं बंटेगा.
गौरतलब है कि देश में इन दिनों कथित जबरन धर्मांतरण, घर वापसी और धर्मांतरण पर रोक लगाने की चर्चा के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान अपने आप में एक तरफ तो महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
ओबामा ने कहा, आपका (संविधान) अनुच्छेद 25 कहता है कि सभी लोगों को अपनी पसंद के धर्म का पालन करने और उसका प्रचार करने का अधिकार है. हमारे दोनों देशों में, सभी देशों में धर्म की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना न केवल सरकार की बल्कि सभी लोगों की सर्वोपरि जिम्मेदारी है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, देश तभी सफल होते हैं जब सभी को बराबर के अवसर मिलें. हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, यहूदी, बौद्ध सभी बराबर हैं. गांधीजी ने कहा था कि विभिन्न धर्म एक बाग के विभिन्न फूल हैं.
ओबामा ने कहा, सभी को अपनी पसंद का धर्म अपनाने और उसका अनुपालन करने का अधिकार है. यह सरकार के साथ सभी लोगों की जिम्मेदारी भी है. उन्होंने कहा कि कोई भी समाज इंसान के बुरे पक्ष से अछूत नहीं है और अक्सर धर्म का इस्तेमाल इसके लिए होता है.
अमेरिका में एक गुरुद्वारे पर हुए हमले का उल्लेख करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि जब वहां कुछ सिखों की हत्या कर दी गई थी तब हम सभी दुख से भर गए थे क्योंकि हर व्यक्ति को अपना धर्म मानने की स्वतंत्रता है. उन्होंने कहा कि हमें संकीर्ण या अन्य आधार पर बांटने के प्रयास के प्रति सतर्क रहना होगा.
भारत और अमेरिका को सिर्फ स्वाभाविक साझेदार ही नहीं बल्कि सर्वश्रेष्ठ साझेदार बताते हुए ओबामा ने कहा कि अमेरिका प्रौद्योगिकी, बिजली, उपग्रह, किसानों की भलाई, बच्चों को स्वच्छ पेयजल एवं हवा मुहैया कराने के साथ कारोबार, आधारभूत संरचना, स्मार्ट सिटी, बंदरगाह, हवाई अड्डे के विकास में करीबी सहयोगी बनना चाहता है.
ओबामा ने कहा कि अगर हम अपने लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करते हैं तब हम दुनिया को सुरक्षित स्थान बना सकते हैं. उन्होंने कहा, हम प्रौद्योगिकी, डाटा, उपग्रह के क्षेत्र में सहयोग कर आपके पार्टनर बनना चाहते हैं. असैन्य परमाणु करार में अभी अभी महत्वपूर्ण ‘ब्रेक-थ्रू’ मिला जिससे भारत में स्वच्छ बिजली मुहैया कराने में मदद मिलेगी. हमें जीवाश्म ईधन पर अपनी निर्भरता को कम करना होगा. हम किसानों को मशीनी उपकरण उपलब्ध कराने में सहयोग करना चाहते हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हाल के वर्षो में भारत ने सबसे अधिक संख्या में लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है. हम इस क्षेत्र में भी सहयोग करना चाहते हैं. अमेरिका, भारत के साथ लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने में सहयोग करना चाहता है. हमने रक्षा क्षेत्र में सहयोग को और गहरा बनाने का काम किया है. हम चाहते हैं कि दुनिया परमाणु हथियारों से मुक्त हो. यह हमारा लक्ष्य होना चाहिए.
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