जल्दबाजी में बाबा रामदेव ने उड़ा लिया खुद का मजाक!
नयी दिल्ली : पद्म पुरस्कार मिलने की खबर के बाद चर्चा में आये योगगुरू बाबा रामदेव ने खुद ही अपना मजाक बना लिया है. बताया जा रहा है कि योग गुरु बाबा रामदेव का नाम पद्म पुरस्कारों की लिस्ट में कभी शामिल ही नहीं किया गया था. इसके वावजूद उन्होंने पत्र लिखकर यह पुरस्कार ग्रहण […]
नयी दिल्ली : पद्म पुरस्कार मिलने की खबर के बाद चर्चा में आये योगगुरू बाबा रामदेव ने खुद ही अपना मजाक बना लिया है. बताया जा रहा है कि योग गुरु बाबा रामदेव का नाम पद्म पुरस्कारों की लिस्ट में कभी शामिल ही नहीं किया गया था. इसके वावजूद उन्होंने पत्र लिखकर यह पुरस्कार ग्रहण करने से मना किया.
गृह मंत्रालय ने कहा है कि रामदेव ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को लेटर लिखकर पद्म पुरस्कार लेने से मना कर दिया था जबकि सचाई यह है कि उनके नाम पर कभी विचार ही नहीं किया गया. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी की माने तो शॉर्ट लिस्ट किए गए उम्मीदवारों की सूची में रामदेव का नाम नहीं था. यही नहीं किसी भी स्टेज पर उनके नाम पर विचार नहीं किया गया.
ऐसे में उनके द्वारा पुरस्कार नहीं लेने के लिए पत्र लिखना वाकई में चौकाने वाला है. उन्होंने मात्र मीडिया रिपोर्ट के आधार पर ऐसा किया. गौरतलब है कि बाबा रामदेव और श्री श्री रविशंकर ने पद्म पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया था. बाबा रामदेव ने गृह मंत्रालय को एक चिट्ठी लिखी जिसमें उन्होंने आग्रह किया कि यह सम्मान किसी और को दे दें. बाबा ने जिस लेटरहेड में चिट्ठी लिखी है वह पंतजलि योगपीठ ट्रस्ट की है. इसमें तारीख इंगित नहीं की गयी है लेकिन चिट्ठी में बाबा ने साफ कर दिया है कि वह पद्म पुरस्कार नहीं ग्रहण करेंगे.
उन्होंने मीडिया में चल रही खबरों का हवाला देते हुए लिखा था कि मुझे इनसे यह जानकारी मिली है. ‘मैं एक संन्यासी हूं और अपने संन्यास धर्म के साथ राष्ट्रधर्म व सेवा धर्म को निष्काम व अनासक्त भाव से करना कर्तव्य समझता हूं.’ उन्होंने चिट्ठी में आगे लिखा, ‘यह सम्मान गौरवपूर्ण कार्य करने वाले किसी अन्य महानुभाव को प्रदान कर मुझे अनुगृहित करेंगे, ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है.’