ताज देखने फिर लौटूंगी : मिशेल
नयी दिल्ली : राष्ट्रपति बराक ओबामा और मिशेल उन लोगों में शामिल होने से रह गये, जो संगमरमर में ढले मोहब्बत के अजीम शाहकार ताज महल की खूबसूरती का दीदार कर चुके हैं. आगरा की अपनी प्रस्तावित यात्रा नहीं हो पाने से मायूस अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा का कहना है कि ताजमहल देखने […]
नयी दिल्ली : राष्ट्रपति बराक ओबामा और मिशेल उन लोगों में शामिल होने से रह गये, जो संगमरमर में ढले मोहब्बत के अजीम शाहकार ताज महल की खूबसूरती का दीदार कर चुके हैं. आगरा की अपनी प्रस्तावित यात्रा नहीं हो पाने से मायूस अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा का कहना है कि ताजमहल देखने फिर भारत आयेंगी.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन जब मार्च 2000 में अपनी पुत्री के साथ ताज महल देखने गये थे, तो उन्होंने यह कह कर इस मरमरी मुजस्समे की तारीफ की थी, ‘दुनिया में सिर्फ दो तरह के लोग हैं, एक वे जिन्होंने ताजमहल देखा है और दूसरे वह जिन्होंने इसे नहीं देखा है. मैंने ताजमहल देखा है, यह लाजवाब है.’ ओबामा के साथ तीन दिनी भारत यात्र पर आयी मिशेल से जब पूछा गया कि क्या वह ताजमहल न देख पाने से मायूस हैं तो उन्होंने कहा, ‘हां और मैं वापस आऊंगी.’
हुमायूं के मकबरे की यात्रा को किया याद
ओबामा के लिए यह किसी सुखद आश्चर्य से कम नहीं था, जब उन्होंने मंगलवार को सीरी फोर्ट सभागार में 16 वर्ष के विशाल को वहां मौजूद लोगों में बैठे हुए देखा, जिसे उन्होंने चार वर्ष पहले हुमायूं के मकबरे की यात्र के दौरान वहां कुछ मजदूरों के साथ काम करते देखा था. ओबामा ने विशाल को देखने के बाद कहा, ‘आपको एक कहानी सुनाना चाहता हूं.
यहां अपनी पिछली यात्र के दौरान हम हुमायूं का मकबरा देखने गये थे. वहां हमने कुछ मजदूरों को देखा, जो इस देश की प्रगति की रीढ़ हैं. हम उनके परिवारों और बच्चों से भी मिले, जिनकी आंखों में चमक और चेहरे पर मुस्कुराहट खिली हुई थी. इन्हीं बच्चों में विशाल नाम का एक लड़का भी था. आज विशाल 16 बरस है और अपने परिवार के साथ दक्षिण दिल्ली के एक गांव में रहता है.’