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NCC कैंप में बराक ओबामा को नरेंद्र मोदी का जवाब : विविधता में एकता ही हमारी पहचान है

नयी दिल्ली : दिल्ली में आयोजित एनसीसी कैंप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं भी कभी एनसीसी का कैडर रह चुका हूं. लेकिन मुझे कभी दिल्ली आने का मौका नहीं मिला. परेड में मेरा चयन नहीं हुआ था. एनसीसी छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस पर हमारे स्कूल से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 28, 2015 1:08 PM

नयी दिल्ली : दिल्ली में आयोजित एनसीसी कैंप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं भी कभी एनसीसी का कैडर रह चुका हूं. लेकिन मुझे कभी दिल्ली आने का मौका नहीं मिला. परेड में मेरा चयन नहीं हुआ था. एनसीसी छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस पर हमारे स्कूल से एक छात्र दिल्ली आया था. उसके स्कूल लौटने के बाद वह स्कूल का हीरो बन गया. हम उससे मिलने गये. सुमन चौधरी नामक उस छात्र ने हमारे स्कूल का गौरव बढाया था.

उन्होंने कहा कि विविधता में एकता भारत की पहचान है. कच्छ हो या कोहिमा विविधता में एकता ही हमारी शक्ति है. एनसीसी का ड्रेस पहनकर एक कैडर समझता है कि वह भारत माता के लिए समर्पित हो गया और उसकी सेवा कर रहा है.नरेंद्र मोदी का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के कल सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में दिये गये संबोधन का एक तरह से जवाब है. ओबामा ने अपने उस भाषण में कहा था कि भारत सभी तरक्की करेगा जब देश में धार्मिक सहिष्णुता होगी और देश धर्म के आधार पर नहीं बंटेगा.

एनसीसी कैंप में अनुशासन में रहना होता है. परेड केवल कदम मिलाना के लिए नहीं यह हमें एक साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है और इससे सबका मन मिलता है. अनुशासन के साथ यहां कैंप में आकर औरों के‍ लिए जीनाऔर यहां आकर छोटे से भारत के रूप में अपने को बनाये रखना गौरव की बात है. आज हमारे देश के 65 प्रतिशत जनसंख्‍या युवा है. यह हमारे लिए गौरव की बात है.

स्वच्छ भारत अभियान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा यह अभियान नहीं स्वभाव है. यह स्वभाव पूरे देश की जनता में आना जरूरी है. स्कूल, कॉलेज गांव में जहां भी हो स्वच्छता के स्वभाव को लागू करने का सोचना चाहिए. बचपन से यदि यह संस्कार आ जाये तो जीवन भर बातें मन में रहती है.

योग दिवस का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि योग दुनिया के हर कोने में आज पहुंच चुका है. हर उम्र के लोगों के बीच यह काफी लोकप्रिय हो चुका है. जिस धरती पर से योग शुरू हुआ वहां से ही योग की सही बातें लोगों तक पहुंचानी होगी. 21 जून को एक साथ एक समय पूरे भारत में योग हो इसके लिए एनसीसी के कैडर को अभी से ही लग जाना चाहिए.

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