अन्ना हजारे ने कहा, ‘ मोदी सरकार ने राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के 365 दिन बाद भी लोकपाल अधिनियम को लागू नहीं किया.
इसने जनता को दिए गए आश्वासनों को पूरा नहीं किया.’’ अहमदनगर जिले में अपने पैतृक रालेगण सिद्धि गांव में अन्ना ने एक बयान में कहा, ‘‘ सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गंभीर नहीं है. इसलिए लोकपाल , भूमि अधिग्रहण अधिनियम और काले धन के मुद्दे पर एक बार फिर से आंदोलन चलाया जाएगा. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ लोकसभा चुनाव में लोगों से वादा किया गया था कि सौ दिन के भीतर (भाजपा की सरकार बनने के) काले धन को वापस लाया जाएगा और हर नागरिक के खाते में 15 लाख रुपये जमा कराए जाएंगे लेकिन 15 रुपये तक नहीं आए.’’
हजारे ने अपने पुराने साथियों अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी के बारे में बात करने से इंकार कर दिया. केजरीवाल आम आदमी पार्टी के नेता हैं तो बेदी हाल ही में भाजपा में शामिल हुई हैं. केजरीवाल और बेदी दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी-अपनी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं.