दिल्ली की गलियों में रोज मिलते हैं नौ अज्ञात शव

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में प्रतिदिन सड़कों पर औसतन नौ अज्ञात शव बरामद होते हैं जो मुख्यत: नशेड़ियों एवं भिखारियों के होते हैं.राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्डस ब्यूरो (एनसीआरबी) के हाल के आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2012 के दौरान देश में कुल 37 हजार 838 अज्ञात शव मिले, जिनमें से 3359 शव दिल्ली में बरामद हुए.वर्ष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2013 4:17 PM

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में प्रतिदिन सड़कों पर औसतन नौ अज्ञात शव बरामद होते हैं जो मुख्यत: नशेड़ियों एवं भिखारियों के होते हैं.राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्डस ब्यूरो (एनसीआरबी) के हाल के आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2012 के दौरान देश में कुल 37 हजार 838 अज्ञात शव मिले, जिनमें से 3359 शव दिल्ली में बरामद हुए.वर्ष 2012 में जिन अन्य राज्यों में ऐसी घटनाओं में बड़ी संख्या में शव बरामद होते हैं उनमें से महाराष्ट्र शीर्ष पर है जहां 5906 अज्ञात शव मिले, तमिलनाडु में 5319 और उत्तरप्रदेश में 3996 शव मिले. दिल्ली पुलिस का दावा है कि इनमें से अधिकतर लोगों की मौत सामान्य थी.

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ये लोग अधिकतर मजदूर हैं जो किराए के मकान में रहने में अक्षम हैं और मौसम की कठिनाईयों से मरते हैं. इनमें से कुछ नशेड़ी भी होते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये शव अकसर रेलवे लाइन और आईएसबीटी इलाके के नजदीक पाए जाते हैं क्योंकि इन इलाकों में मजदूर वर्ग के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं. ये लोग मुख्यत: भीख मांगने, बैलून बेचने, रिक्शा चलाने, फुटपाथ, फ्लाईओवर एवं रेल पटरियों के किनारे सोने वाले खोमचे वाले होते हैं और सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं. इनके रिश्तेदार नहीं होते जो उनका ख्याल रख सकें या उनका अंतिम संस्कार कर सकें.’’ आंकड़ों के बारे में पूछने पर दिल्ली की समाज कल्याण मंत्री किरण वालिया ने कहा कि दिल्ली की सड़कों पर मृत पाए जाने वाले अधिकतर लोग नशेड़ी होते हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘इनमें से कुछ लोग असाध्य बीमारियों के साथ दिल्ली आते हैं, जिनका पता बाद में चलता है. अगर उनके गृह नगर में ही पर्याप्त मेडिकल सुविधा दी जाए तो इस समस्या का काफी हद तक समाधान हो सकता है. दूसरा समूह नशे के आदी लोगों का है जो किसी की निगरानी में नहीं रहना चाहते.’’

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