संयुक्त राष्ट्र से महिलाओं और लड़कियों को बलात्कार से बचाने की अपील

संयुक्त राष्ट्र: यौन हिंसा की शिकार महिलाओं की मदद करने वाले एक गैर सरकारी संगठन से जुडी एक सोमालियाई महिला ने सुरक्षा परिषद से संघर्ष वाले क्षेत्रों में तैनात संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों और अन्य कर्मचारियों को ‘‘हिंसक हमलावर’’ गतिविधियों में शामिल होने से रोकने के लिए कार्रवाई में तेजी लाने की अपील की है. मानवाधिकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2015 4:12 PM

संयुक्त राष्ट्र: यौन हिंसा की शिकार महिलाओं की मदद करने वाले एक गैर सरकारी संगठन से जुडी एक सोमालियाई महिला ने सुरक्षा परिषद से संघर्ष वाले क्षेत्रों में तैनात संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों और अन्य कर्मचारियों को ‘‘हिंसक हमलावर’’ गतिविधियों में शामिल होने से रोकने के लिए कार्रवाई में तेजी लाने की अपील की है.

मानवाधिकार और लैंगिक समानता के प्रोत्साहन की दिशा में कार्यरत कई गैर सरकारी संगठनों की ओर से इवाद एलमान ने कल कहा कि यौन हिंसा के मामले में संयुक्त राष्ट्र की ‘‘कतई बर्दाश्त ’’ नहीं करने की नीति के तहत सभी अपराधियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए और शांति अभियानों में योगदान देने वाले देशों को भी सैनिकों द्वारा किए जाने वाले अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.एलमान ने सभी सशस्त्र समूहों और सुरक्षा बलों द्वारा अंजाम दिए जाने वाले ‘‘अत्याचारों ’’ की जवाबदेही तय किए जाने पर भी जोर दिया.
संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों की सहायक महासचिव युंग व्हा कांग ने परिषद को चेतावनी दी थी कि सीरिया, इराक, यमन और लीबिया से लेकर मध्य अफ्रीकी गणतंत्र , कांगों, नाइजीरिया , दक्षिणी सूडान , सूडान, उक्रेन तथा कई अन्य देशों में सशस्त्र संघर्षो में नागरिकों के खिलाफ अत्याचार और हिंसा का स्तर लगातार बढ रहा है. उन्होंने कहा कि खुद को इस्लामिक स्टेट कहने वाले चरमपंथी समूह ने ‘‘अपनी ताकत दिखाने के लिए महिलाओं का इस्तेमाल किया और उन्हें सजा दी. उन्होंने बार बार महिलाओं से बलात्कार किया, उनसे जबरन निकाह किया और उन्हें गुलामी के लिए बेच दिया.
कांग ने बताया कि नाइजीरियाई महिलाओं ने बोको हराम द्वारा उन पर ढहाए गए अत्याचारों की रौंगटे खडे कर देने वाली दास्तां सुनायी है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में इस प्रकार के हमलों में मारी गयी महिलाओं की संख्या में लगातार चिंताजनक रुप से वृद्धि हो रही है. अंतरराष्ट्रीय रेड क्रास समिति की अंतरराष्ट्रीय कानून और नीति मामलों की निदेशक हेलेन दुरहाम ने कहा कि महिलाओं और बच्चों के प्रति इस प्रकार की हिंसा को रोकने का एकमात्र और सर्वाधिक महत्वपूर्ण उपाय यह सुनिश्चित करना है कि सरकारें और सशस्त्र समूह नागरिकों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों के तहत अपने कानूनी दायित्वों का पालन करें.

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