नयी दिल्ली: पूर्व पर्यावरण मंत्री एवं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक पुस्तक में कहा है कि आर्थिक विकास के केंद्र में पर्यावरण संबंधी चिंताएं होनी चाहिए विशेष तौर पर सवा सौ करोड आबादी वाले देश में. ग्रीन सिग्नल : भारत में पारिस्थितिकी, विकास और लोकतंत्र’ शीर्षक से पुस्तक में यह बात कही गई है जो अभी जारी की जानी है. यह पुस्तक कांग्रेस से जयंती नटराजन के इस्तीफे और कुछ बडी औद्योगिक परियोजनाओं को मिली हरी झंडी की पृष्ठभूमि में सामने आई है.
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आर्थिक विकास के केंद्र में होनी चाहिए पर्यावरण संबंधी चिंता : जयराम रमेश
नयी दिल्ली: पूर्व पर्यावरण मंत्री एवं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक पुस्तक में कहा है कि आर्थिक विकास के केंद्र में पर्यावरण संबंधी चिंताएं होनी चाहिए विशेष तौर पर सवा सौ करोड आबादी वाले देश में. ग्रीन सिग्नल : भारत में पारिस्थितिकी, विकास और लोकतंत्र’ शीर्षक से पुस्तक में यह बात कही गई है […]
पुस्तक में कहा गया है कि पारिस्थितिकी सुरक्षा पर विशेष आर्थिक विकास पर चर्चा का विषय अप्रचलित है.इसमें कहा गया है, ‘‘ पर्यावरण संबंधी चिंता हमारे आर्थिक विकास के केंद्र में होनी चाहिए विशेष तौर पर सवा सौ करोड की आबादी वाले देश में. ’’ रमेश की पुस्तक में 1991 में पर्यावरण के बारे में भारत में लिये गए फैसलों का जिक्र किया गया है. पुस्तक की प्रस्तावना में पर्यवरण को देखने के नजरिये में बदलाव के प्रयासों का ब्यौरा दिया गया है.
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