बेंगलुरु : दिल्ली में 1984 में हुए उस सिख विरोधी दंगों की नये सिरे से जांच की संभावना उत्पन्न होने के बीच दिग्विजय सिंह ने आज हिंसा में आरएसएस स्वयंसेवकों की भूमिका का आरोप लगाया और सवाल किया कि इस मुद्दे पर चुप्पी क्यों है. इसमें कांग्रेस नेताओं को मुकदमे का सामना करना पडा था, सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम सभी को सिख दंगों को लेकर दुख है और हम उसकी निंदा करते हैं लेकिन मेरा मानना है कि इस मुद्दे की जांच हो चुकी है, जिन लोगों के खिलाफ जांच हुई उन्होंने अदालत में मुकदमे का सामना किया और मेरा मानना है कि जो भी कुछ किया जाना था और जिस किसी को सजा मिलनी चाहिए थी उसे सजा मिल चुकी है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘सिख विरोधी दंगों के एक पहलू जिस पर मीडिया और अन्य चुप रहे हैं वह है सिख दंगों में आरएसएस स्वयंसेवकों की भूमिका.’’ इस मामले की एक नये सिरे से जांच किये जाने की संभावना है क्योंकि सरकार की ओर से नियुक्त एक समिति ने एक एसआईटी गठन की सिफारिश की है. इस कदम को कांग्रेस दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को लुभाने के एक प्रयास के रुप में देख रही है.
जयंती नटराजन के त्यागपत्र और राहुल गांधी के खिलाफ उनके आरोपों के बारे में सिंह ने कहा, ‘‘सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों वरिष्ठ राजनीतिज्ञों के रुप में वन, पर्यावरण और आदिवासी अधिकारों को लेकर अत्यंत संवदेनशील रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि वे वन एवं पर्यावरण मंत्रलय के संज्ञान में यह बात ला चुके थे और ऐसा उन्होंने केवल तभी नहीं किया जब जयंती नटराजन वहां मंत्री थी बल्कि उससे पहले भी कर चुके थे.
सिंह ने कहा, ‘‘इंदिरा गांधी के समय से ही जब उन्होंने वन संरक्षण कानून बनाया था, कांग्रेस पार्टी वन एवं पर्यावरण, वन संरक्षण एवं आदिवासी अधिकारों के मुद्दों को लेकर अत्यंत संवेदनशील है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जयंती नटराजन अब राहुल गांधी के खिलाफ आरोप लगा रही हैं.’’ उन्होंने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों ने आज दिल्ली ‘एक रैंक, एक पेंशन’ के क्रियान्वयन को लेकर प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसे क्रियान्वित करने की मांग करते हुए इसे संसद में उठाएगी.
प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व से बातचीत के बारे में पार्टी के प्रदेश मामलों के प्रभारी सिंह ने कहा कि राज्य में पार्टी जल्द ही सत्ता में दो वर्ष पूरे करेगी. मंत्रिमंडल फेरबदल पर उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री का अधिकार है, ‘‘मेरा मानना है कि जब वह अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल महसूस करेंगे वह करने के लिए मुक्त है.’’ उप मुख्यमंत्री की मांग पर उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से मुख्यमंत्री के हाथ में है, जहां तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का सवाल है, हम उसमें हस्तक्षेप नहीं करते.’’