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तेलंगाना राज्य के विरोधियों के निशाने पर गांधी परिवार

नयी दिल्ली:तेलंगाना अलग राज्य की घोषणा के बाद से इसके विरोधी भड़के हुए है. गांधी परिवार के प्रति इनकी नाराजगी बढ़ती जा रही है. प्रदर्शकारियों ने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की मूर्तियों को तहस-नहस कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने सीमांध्र के इन इलाकों में लगी राजीव गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मूर्तियों को […]

नयी दिल्ली:तेलंगाना अलग राज्य की घोषणा के बाद से इसके विरोधी भड़के हुए है. गांधी परिवार के प्रति इनकी नाराजगी बढ़ती जा रही है. प्रदर्शकारियों ने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की मूर्तियों को तहस-नहस कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने सीमांध्र के इन इलाकों में लगी राजीव गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मूर्तियों को तोड़फोड़ करने के बाद आग के हवाले कर दिया इतना ही नहीं उन्होंने सोनिया गांधी के पुतले भी जलाए.

पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के सत्तारुढ कांग्रेस और संप्रग सरकार के फैसले को लेकर क्षुब्ध आंध्र प्रदेश से कांग्रेस के सात सांसदों ने आज संसद से इस्तीफा दे दिया. कुछ और सांसदों के भी जल्द इस्तीफा दिये जाने के संकेत हैं. जिन सांसदों ने इस्तीफे दिये हैं उनके नाम हैं ए साई प्रताप ( राजमपेट) अनंत वेंकटरामी रेड्डी (अनंतपुर) सी. वी. हर्ष कुमार (अमलापुरम) वी अरुण कुमार (राजामुंदरी) एल राजगोपाल (विजयवाडा) और एस पी वाई रेड्डी (नांदयाल).

इन सांसदों ने अपने इस्तीफे लोकसभा महासचिव टी के विश्वनाथन को सौंपे, जबकि उच्च सदन के सदस्य के वी पी रामचन्द्रराव ने राज्यसभा के महासचिव के शेरिफ को अपना इस्तीफा सौंपा.सांसदों ने दावा किया कि आंध्र प्रदेश से लोकसभा के तीन और सदस्य सब्बम हरि (अनकापल्ली) एम श्रीनिवासुलु रेड्डी (ओंगोल) और आर संभाशिव राव (गुंटुर) ने भी अपने इस्तीफे फैक्स से भेज दिये हैं. सांसदों ने यह भी दावा किया कि आंध्र क्षेत्र के केंद्रीय मंत्री कल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलेंगे और फिर अपना इस्तीफा सौंपेंगे. उन्होंने कहा कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से समय मांगा है क्योंकि नियमों के मुताबिक लोकसभा अध्यक्ष को इस बात पर संतुष्ट होना चाहिए कि सदस्य ने अपनी इच्छा से यह कदम उठाया है न कि किसी दबाव में.

तेलंगाना पर फैसले से क्षुब्ध आंध्र प्रदेश के कांग्रेस के कुछ सांसदों तथा केंद्रीय मंत्रियों ने कल देर रात कांग्रेस सांसद केवीपी रामचंद्र राव के आवास पर बैठक की. समझा जाता है कि कुछ केंद्रीय मंत्रियों ने सांसदों को समझाया कि कांग्रेस आला कमान द्वारा तेलंगाना के गठन पर फैसला किए जाने के बाद उचित होगा कि इस्तीफा देने के बजाय आंध्र प्रदेश के विकास और नयी राजधानी की स्थापना के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया जाए.

हालांकि कुछ सांसदों का मानना था कि हालात अभी काबू से बाहर नहीं हुए हैं और अपना इस्तीफा देकर वे सरकार को अपना फैसला वापस लेने को मजबूर कर सकते हैं.इनमें से कुछ सांसदों की हालांकि यह भी राय थी कि पांच अगस्त से शुरु हो रहे संसद के मानसून सत्र में इस मुद्दे को अधिक प्रभावी ढंग से उठाया जा सकता है.

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