पूर्ति ग्रुप के सौदे में कर चोरी का मामला सामने आया

नयी दिल्ली: आयकर विभाग ने पूर्ति समूह की कंपनियों के कारोबारी सौदों में कथित तौर पर करीब 7 करोड़ रपये की कर चोरी का पता लगाया गया है. पूर्ति समूह भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी से संबद्ध है. आयकर विभाग पिछले साल से पूर्ति पावर एंड शुगर लि. (पीपीएसएल) के संदिग्ध सौदों की जांच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:33 PM

नयी दिल्ली: आयकर विभाग ने पूर्ति समूह की कंपनियों के कारोबारी सौदों में कथित तौर पर करीब 7 करोड़ रपये की कर चोरी का पता लगाया गया है. पूर्ति समूह भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी से संबद्ध है.

आयकर विभाग पिछले साल से पूर्ति पावर एंड शुगर लि. (पीपीएसएल) के संदिग्ध सौदों की जांच कर रहा है. विभाग ने पिछले दो वित्त वर्षों का आकलन पूरा कर लिया है. शीर्ष आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जांच में करीब 7 करोड़ रपये की कर अपवंचन का पता लगा है.पूर्ति समूह ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि उसे इस बारे में अभी कोई नोटिस नहीं मिला है. हालांकि, नोटिस मिलने का मतलब ही यह नहीं है कि कुछ गलत किया या है. समूह ने कहा कि पिछले दो बरस से गडकरी पूर्ति समूह के साथ नहीं जुड़े हैं.

पूर्ति समूह के पीआरओ नितिन कुलकर्णी ने कहा, ‘‘हमारा ध्यान मीडिया की इन खबरों पर गया है कि आयकर विभाग पूर्ति समूह को दो आकलन वर्षों के लिए कर आकलन नोटिस भेज रहा है. हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि न तो पूर्ति समूह और न ही समूह के किसी व्यक्ति को कोई नोटिस मिला है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘‘यदि कोई कर आकलन नोटिस मिलता है तो हमारे प्रबंध निदेशक सुधीर दिवे कर सलाहकारों के साथ सलाह के बाद उचित जवाब देंगे. कर आकलन नोटिस एक सामान्य प्रक्रिया है. विभिन्न चरणों में भिन्न स्तरों की अपील की जा सकती है. पूर्ति समूह इस मामले को देखेगा.’’

कुलकर्णी ने कहा कि कर आकलन नोटिस निश्चित रुप से किसी गलत काम का संकेतक नहीं होता. हम यह साफ करना चाहेंगे कि नितिन गडकरी का पिछले दो साल से समूह की कंपनियों से कोई लेना देना नहीं है.आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग ने पूर्ति समूह की कंपनियों के दस्तावेजों की अंतिम जांच शुरु कर दी है और एक अन्य आकलन इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा. अंतिम आकलन आदेश तैयार करते समय विभाग गडकरी और पूर्ति समूह के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के बयान का संज्ञान लेगा.

पिछले साल के आखिर और इस साल की शुरआत में विभाग ने पूर्ति समूह की कई इकाइयों और कारोबारी फर्मों की जांच की थी. पूर्ति समूह द्वारा कर चोरी और वित्तीय अनियमितताओं का मामला सामने आने के बाद गडकरी दूसरी बार भाजपा का अध्यक्ष नहीं बन पाए थे. इससे पहले गडकरी ने आयकर विभाग द्वारा पूर्ति समूह की कंपनियों और अन्य उनके व्यक्तिगत सौदों और अन्य निवेश के बारे में पूछे जाने पर 25 पृष्ठ का दस्तावेज जमा कराया था.

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