बीजिंग : लद्दाख की देपसांग घाटी से अपने सैनिक वापस बुलाने की बात अप्रत्यक्ष रुप से स्वीकार करते हुए चीन ने आज कहा कि भारत के साथ यह गतिरोध द्विपक्षीय रिश्तों के बृहद हितों को ध्यान में रखते हुए लाभदायक सलाह मशविरे के जरिये सुलझा लिया गया.
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र में गतिरोध की घटना के बाद द्विपक्षीय रिश्तों के वृहद हितों को ध्यान में रखते हुए चीन और भारत ने सहयोगात्मक एवं रचनात्मक रुख अपनाया है.
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने संयम बरतते हुए संबंधित प्रणालियों, कूटनीतिक रास्तों और सीमा पर बैठकों के जरिये इस घटना का सही ढंग से निबटारा किया.
बीस दिन के गतिरोध के बाद दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) क्षेत्र से सैनिक हटाने के दोनों देशों के फैसले के बाद अपनी पहली टिप्पणी में हुआ ने कहा, जहां तक मुझे पता है, प्रासंगिक सलाह मशविरा लाभदायक रहा.
उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाये रखने से दोनों पक्षों के आम हित पूरे होते हैं. सीमा के सवाल पर जल्द से जल्द आपसी स्वीकार्य तथा स्पष्ट समाधान खोजने के लिए चीन भारत के साथ हाथ सहयोग के लिए तैयार है.
पीएलए द्वारा लगाये गये तंबुओं को हटाने सहित समझौते की अन्य जानकारियों के बारे में हुआ ने कहा, मुझे ताजा जानकारी करीबी रुप से पता करनी हैं. उन्होंने कहा, जैसा कि मैंने पहले कहा कि दोनों पक्षों के मन में द्विपक्षीय रिश्तों के बृहद हित हैं. हुआ ने कहा कि दोनों पक्षों ने रचनात्मक एवं सहयोगात्मक रुख अपनाया है और समन्वय तथा सलाह मशविरा बनाये रखा जिससे सकारात्मक प्रगति हुई.
उन्होंने कहा, अगर मुझे ताजा जानकारी मिलती है तो मैं आपके साथ इस जानकारी को साझा करुंगी. यह पूछे जाने पर कि क्या चीनी सैनिक अपने स्थिति से पीछे हटे हैं, यह कब हुआ और वे कितने पीछे हटे हैं, इस पर उन्होंने जवाब दिया, मैंने कहा है कि दोनों पक्ष रचनात्मक एवं सहयोगात्मक रहे हैं और उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रासंगिक तंत्रों के जरिये समन्वय बनाये रखा है.
हुआ ने कहा, जरुरी सलाह मशविरे से सकारात्मक प्रगति हुई. मुझे पता है कि आप इस बारे में काफी चिंतित हैं और मैं आपको सही जानकारी देने के लिए आगे जानकारी प्राप्त करुंगी.
उन्होंने कहा कि मेरा विश्वास है कि चीनी और भारतीय पक्षों को सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाये रखनी चाहिए और द्विपक्षीय रिश्तों के सुचारु विकास के लिए काम करना चाहिए.