तिरमयम (तमिलनाडु) : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जलवायु परिवर्तन को दुनिया के लिए इस समय बड़ी चिंता बताते हुए आज कहा कि भारत को कार्बन उत्सर्जन घटाने के नए तरीके खोजने होंगे क्यों कि यह उन देशों में है जो इससे बहुत अधिक प्रभावित हो सकते हैं.
उन्होंने कहा, हमें प्रौद्योगिकी नव-प्रवर्तन के जरिए अपना कार्बन उत्सर्जन घटाने के लिए नए तरीके और रास्ते विकसित करने की जरुरत है. हमारे देश में 50 प्रतिशत से से अधिक बिजली कोयला संयंत्रों से उत्पादित होती है जिनसे ग्रीनहाउस गैस का सबसे अधिक उत्सर्जन होता है. तमिलनाडु में तिरचिरापल्ली के पास तिरमयम में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भेल की बिजली संयंत्र पाइपिंग इकाई और उच्च दबाव वाले बॉयलर संयंत्र की दूसरी इकाई को राष्ट्र को समर्पित करते हुए सिंह ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि भेल ने अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल बिजलीघर प्रौद्योगिकी के विकास की पहल की है.
उन्होंने कहा कि यह प्रौद्योगिकी स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी के विकास के हमारे अभियान के अनुरुप है. उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरु राष्ट्रीय सौर मिशन में 13वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक 20,000 मेगावाट बिजली उत्पाद क्षमता खड़ी करने का लक्ष्य रखा गया है. इसकी सफलता से भारत की उर्जा सुरक्षा की संभावना बढ़ेगी और इससे जलवायु परिवर्तन की चुनौती से मुकाबले में हमें बड़ी मदद मिलेगी.