वाशिंगटन/नयी दिल्ली : अब अगर बड़ा आतंकी हमला हुआ और उसके तार पाकिस्तान की सेना और आइएसआइ से जुड़े, तो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाक के खिलाफ फौजी ताकत का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये बातें काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस द्वारा आयोजित सम्मेलन में भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत रॉबर्ट ब्लैकविल ने कहीं.
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान यह समङोगा कि उसके पिछले रवैये को अब आगे बरदाश्त नहीं किया जायेगा.ब्लैकविल ने कहा कि 15 वर्ष पहले दिल्ली में संसद पर हमले के बाद से जब भी ऐसी घटनाएं हुईं, हर भारतीय पीएम ने सैन्य जवाब के बारे में सोचा. फिर ऐसा न करने का फैसला किया, लेकिन भारत के भीतर भावनाओं में भारी बदलाव आया है. मोदी के ऐसे फैसले से पीछे हटने की संभावना कम है. लगता है कि मोदी भारतीय जनमानस की राय व समाज की राजनीतिक भावनाओं को देखते हुए कड़ा फैसला ले सकते हैं.
भारत का अच्छा भागीदार होगा अमेरिका : बिस्वाल
अमेरिका में दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों की सहायक विदेश मंत्री निशा देसाई बिस्वाल ने कहा है कि अमेरिका भारत का सबसे अच्छा भागीदार हो सकता है. जैसा कि राष्ट्रपति ने कहा है, हम भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति, समृद्धि एवं स्थिरता बढ़ाने में वास्तव में अपरिहार्य साझीदार हैं. कहा कि भारत के साथ हमारी मित्रता विशेष और अनूठी है. अमेरिका और भारत के मजबूत होते संबंध महत्वपूर्ण हैं. कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध दो समाजों का प्रतिबिंब और दो संस्कृतियों का मिलन हैं. भारत और अमेरिका के संबंधो में आया सुधार दर्शाता है कि दोनों देश केवल स्वाभाविक साझीदार नहीं हैं. कहा कि हम क्षेत्र और पूरी दुनिया में विकास के संचालक हैं. नयी दिल्ली में पिछले महीने ओबामा-मोदी सम्मेलन के बाद एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त दृष्टिकोण बयान में ये मूल्य स्पष्ट रूप से दिखायी देते हैं.