आप ने किरण बेदी की शिकायत चुनाव आयोग से की

नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने कृष्णानगर नगर विधानसभा क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन को लेकर आज भाजपा की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार किरण बेदी के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करायी. आयोग को भेजे पत्र में आप ने किरण बेदी पर सैकडों कार्यकर्ताओं के साथ आज शुबह रोडशो और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 7, 2015 3:44 PM

नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने कृष्णानगर नगर विधानसभा क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन को लेकर आज भाजपा की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार किरण बेदी के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करायी.

आयोग को भेजे पत्र में आप ने किरण बेदी पर सैकडों कार्यकर्ताओं के साथ आज शुबह रोडशो और बाइक रैली निकालने का आरोप लगाया. आप के अनुसार इन कार्यकर्ताओं के पास प्रचार सामग्री थी और उन्होंने मतदाताओं से बातचीत की.दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान पांच फरवरी को शाम छह बजे ही थम गया था.

पत्र में कहा गया है, ‘‘कृष्णानगर से (भाजपा प्रत्याशी) किरण बेदी ने सैकडों समर्थकों के साथ पदयात्रा -बाइक रैली निकाली और वे सभी मतदाताओं से मिलीं. इन सैकडों कार्यकर्ताओं के पास प्रचार सामग्री थीं. उन्होंने पांच किलोमीटर की पदयात्रा एवं बाइक रैली निकाली.’’ पार्टी ने कृष्णानगर इलाके में यह रैली निकाले जाने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से किरण बेदी के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की.
आप की यह शिकायत ऐसे समय में आयी है जब आप संयोजक अरविंद ने कई स्थानों पर धीमी गति से मतदान को लेकर चुनाव आयोग के हस्तक्षेप की मांग की. उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर धीमी गति की वजह से मतदाता बिना मतदान किए लौट जा रहे हैं.केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘नियमानुसार एक वक्त में तीन मतदाताओं को मतदान केंद्र के अंदर जाने की अनुमति होती है. वे बस एक मतदाता को जाने दे रहे हैं जिससे मतदान की गति धीमी हो गयी है. भोजनावकाश भी लिया जा रहा है जो नियमों के विरुद्ध है. चुनाव आयोग को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए. ’’ इससे पहले केजरीवाल ने लोगों से उन दलों के पक्ष में वोट नहीं डालने की अपील की थी जिन्होंने शराब और धन बांटा.
उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर उनके हाल के इस बयान को लेकर भी निशाना साधा था कि विदेशों में रखे गए कालेधन को वापस लाने के बाद हर परिवार के खाते में 15 लाख रुपए डालने के प्रधानमंत्री का वादा बस एक चुनावी जुमला था. उन्होंने कहा था, ‘‘उन दलों को वोट न दें जो अपने चुनावी वादों को चुनावी चाल मानते हैं. उन्हें वोट दें जो ईमानदार राजनीति में हैं और भ्रष्टाचार को उखाड फेंकेंगे.’’

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