तनाव के कारण कम नींद से वंचित जीवन जी रहे हैं बीएसएफ के जवान
नयी दिल्ली: देश की सुरक्षा में जुटे सबसे बडे सीमा सुरक्षा बल पर आधारित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहद दुर्गम क्षेत्रों में पडने वाली भारत की संवेदनशील सीमाओं पर पहरेदारी के तनावपूर्ण काम के चलते बीएसएफ के जवानों को लगातार नींद से वंचित रहते हुए ‘बंजारा’ जीवन जीने पर मजबूर होना पड […]
नयी दिल्ली: देश की सुरक्षा में जुटे सबसे बडे सीमा सुरक्षा बल पर आधारित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहद दुर्गम क्षेत्रों में पडने वाली भारत की संवेदनशील सीमाओं पर पहरेदारी के तनावपूर्ण काम के चलते बीएसएफ के जवानों को लगातार नींद से वंचित रहते हुए ‘बंजारा’ जीवन जीने पर मजबूर होना पड रहा है.
दो लाख से ज्यादा मजबूत संख्याबल वाले इस सुरक्षाबल के बारे में यह रिपोर्ट सेवा में तैनात जवानों और अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद आई है. इस रिपोर्ट में अर्धसैन्य बल के सामने पेश आने वाली ‘जीरो एरर सिंड्रोम’ नामक समस्या को भी रेखांकित किया गया है, जहां छोटी सी गलती के लिए भी बीएसएफ के पुरुष एवं महिला जवानों को कडी सजाओं का सामना करना पडता है.
ये जवान पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगने वाली देश की दो सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण सीमाओं की सुरक्षा में तैनात हैं.
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सीमा पर और देश में आंतरिक सुरक्षा ग्रिड में किसी अन्य स्थान पर तैनाती के चलते इन जवानों को ‘सामाजिक बहिष्कार’ का सामना करना पडता है.